उपलब्धि : श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की ENT सर्जन ने मरीज के गले से निकाला एक किलो का ट्यूमर
केस की मेडिकल जटिलता की वजह से मरीज़ का नहीं हो पा रहा था ऑपरेशन, कई अस्पतालों से केस रैफर हुआ
Achievement: ENT surgeon of Shri Mahant Indiresh Hospital removed one kg tumor from patient’s throat
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल को फिर मिली उपलब्धि, ईएनटी सर्जन ने मरीज के गले से निकाला एक किलो का ट्यूमर
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की ईएनटी सर्जन ने
मरीज के गले से निकाला एक किलो का ट्यूमर
मरीज़ के दिल में छेद होने की वजह से बेहद जटिल था ऑपरेशन का होना
ट्यूमर के बढ़ते आकार के कारण गले से बढ़कर छाती के अंदर चला गया था
छाती पर बिना कोई छोटा या बडा चीरा लगाए किया गया जटिल ऑपरेशन
केस की मेडिकल जटिलता की वजह से मरीज़ का नहीं हो पा रहा था ऑपरेशन, कई अस्पतालों से केस रैफर हुआ
श्री महंत इन्दिरेश के ईएनटी विभाग ने उठाई जिम्मेदारी
देहरादून : श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नाक कान गला रोग विभाग की वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डाॅ त्रिप्ती ममगाईं ने 45 वर्षीय मरीज के गले से 1 किलो का ट्यूमर निकाला। मरीज़ को 10 सालों से थायराइड ट्यूमर की समस्या थी। ऑपरेशन के बाद मरीज़ स्वस्थ है व उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने डाॅक्टरों व स्टाफ को सफल ऑपरेशन पर बधाई व शुभकानाएं दीं।
लंबी बीमारी की वजह से मरीज़ के गले में भारी सूजन आ गई थी एवम् ट्यूमर गले से बढ़कर छाती के अंदर तक पहुंच गया था। थायराइड ट्यूमर के बढ़ते आकार के कारण मरीज़ को सांस लेने व भोजन निगलने में परेशानी आ रही थी। जाॅच में पाया गया कि मरीज़ केे दिल में छेद है। इस कारण मरीज़ का आॅपरेशन और भी जटिल था। इस ऑपरेशन की खास उपलब्धि यह रही कि मरीज के छाती पर बिना कोई छोटा या बड़ा चीरा दिए इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक किया गया।
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सर्जरी का सबसे चुनौतीपूर्णं हिस्सा ट्यूमर का बड़ा आकार था। ट्यूमर जीभ के आधार से गर्दन क्षेत्र से होता हुआ छाती तक फैला हुआ था और महाधमनी (एरोटा), श्वास नली और फेफड़े के शीर्ष सहित छाती की महत्वपूर्णं संरचनाओं से जुड़ा हुआ पाया गया था। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की वरिष्ठ नाक कान गला रोग सर्जन डाॅ त्रिप्ती ममगाई ने थायरोडैक्टमी विद सेंट्रल नैक डिसैक्शन सर्जरी की।
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आमतौर पर इस प्रकार की सर्जरी को करने में लगभग 6 से 7 घण्टे का समय लगता है लेकिन मरीज़ के दिल में छेद होने के कारण डाॅक्टर के सामने यह चुनौती थी कि कम से कम समय में ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया जाए। केवल 4 घण्टे तक चले इस जटिलतम सफल ऑपरेशन में मरीज़ के गले से एक किलो का ट्यूमर निकाल लिया गया।
ऑपरेशन को सफल बनाने वाली सर्जिकल टीम में डाॅ त्रिप्ती ममगाईं, डाॅ शरद हरनोट, डाॅ साहिल मोगला, डाॅ फातमा अंजुम, डाॅ हर्षित गुप्ता शामिल रहे। ऑपरेशन को बहुमूल्य मागदर्शन देने में डाॅ अरविंद वर्मा और अरविंद मक्कड़ का विशेष सहयोग मिला। काॅर्डियक एनेस्थीसिया टीम से डाॅ अनूप नेगी, डाॅ भास्कर दत्त, डाॅ रोबिना मक्कड़ और डाॅ आयुषी डोभाल शामिल थे।
डाॅ त्रिप्ती ममगाई ने कहा कि मरीज़ की जाॅच रिपोर्ट, ट्यूमर की अवस्था व दिल में छेद होने के कारण ऑपरेशन बेहद जटिल था। इसी प्लानिंग के साथ सर्जरी की गई, सर्जरी सफल रही। मरीज़ स्वस्थ है व उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।