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30 वर्षों तक नहीं होगी मसूरी वासियों को पानी की किल्लत

125 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है पेयजल योजना

मसूरी से वरिष्ठ संवाददाता सतीश कुमार की रिपोर्ट :केंद्र सरकार द्वारा 125 करोड़ रुपए की लागत से संचालित मसूरी पुनर्गठन पेयजल योजना के अंतर्गत यमुना मसूरी पंपिंग योजना के तहत मसूरी में पेयजल लाइन बिछाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है ।85 किलोमीटर लंबी इस योजना के अंतर्गत सुवाखोली हाथीपांव भट्टा गांव कोल्हूखेत तक पेयजल लाइन बिछाए जाने का कार्य चल रहा है।

बताते चलें कि पर्यटन सीजन के दौरान मसूरी में पेयजल संकट गहरा जाता है जिससे कि पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है म। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा मसूरी में 125 करोड़ रुपए की लागत से मसूरी यमुना पंपिंग योजना का शुभारंभ 27 जनवरी 2020 को शुरू किया गया था इस योजना के तहत 11.7 एमएलडी पानी के भंडारण की क्षमता वाली योजना शुरू की गई है।

निर्माणकर्ता कंपनी के इंजीनियर जयपाल सिंह शेखावत ने बताया कि इस योजना को 14 क्षेत्रों में बांटा गया है जिसमें छ: क्षेत्रों का कार्य लगभग 95% पूरा हो चुका है और बाकी आठ क्षेत्रों का कार्य प्रगति पर है और 26 जनवरी 2022 तक योजना को पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने बताया कि 8 करोड़ रुपए मरम्मत के कार्य के लिए रखे गए हैं। साथ ही मसूरी में सात हजार पेयजल मीटर लगाए जाने हैं जिसको लेकर भी कार्य शुरू कर दिया गया है बताया कि आने वाले 30 वर्षों तक मसूरी में पानी की कमी नहीं होगी उन्होंने बताया कि यह योजना केवल मसूरी के लिए ही लागू की गई है।

उन्होंने बताया है कि इस योजना के अंतर्गत छावनी परिषद लन्ढोर को भी शामिल किया गया है और वहां के उच्च अधिकारियों से इस योजना की स्वीकृति के लिए वार्ता की जा रही है और शीघ्र ही वहां पर भी पेयजल लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कार्य में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और जहां पर भी कोई कमी देखी जा रही है उसको दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है बताया कि भारी बारिश के चलते कार्य में थोड़ी सी परेशानी हुई लेकिन जैसे ही मौसम साफ होगा कार्य की गति को बढ़ा दिया जाएगा।

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