ब्रेकिंग : गफलत में रहे नगीना कॉलोनी के वाशिंदे
नगीना कॉलोनी का दर्द : धरातल पर उतरने के बाद जमींदोज हुआ आशियाना

नगीना कॉलोनी का दर्द : धरातल पर उतरने के बाद जमींदोज हुआ आशियाना
लालकुआं से गौरव गुप्ता : नगीना कॉलोनी को मटियामेट करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है तमाम कच्चे-पक्के मकान धराशाई हो चुके हैं तो शेष बचे मकान भी जल्दी से मलबे के ढेर में तब्दील हो जाएंगे! बस रह जाएंगी तो मजदूरों की आहे गरीबों का दर्द और खून पसीने की कमाई से बनाए गए आशियाने का जमींदोज हो जाने का कभी ना भूलने वाला जख्म लेकिन नगीना कॉलोनी की पृष्ठभूमि पर जाए तो पता चलता है कि यहां के लोग भली-भांति जानते थे कि वे रेलवे की भूमि में बसे हुए हैं कहीं पर भी उनका मालिकाना हक नहीं है लेकिन नेताओं के आश्वासन और विकास कार्यों का धरातल पर उतरना उन्हें इस बात को लेकर बेफिक्र करता गया कि जब सरकारी योजनाएं और सरकारी धन उनके क्षेत्र में खर्च हो रहा है तो फिर उन्हें बेदखल नहीं किया जाएगा!
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इसी के भरोसे सैकड़ों कच्चे-पक्के मकान बनते चले गए लोगों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई को मकान बनाने में खर्च कर दिया और अपने तथा अपने परिवार की परवरिश कर समाज की मुख्यधारा में कदम रखा उक्त स्थान पर सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राइमरी पाठशाला खोली गई जहां वर्तमान में 65 बच्चे अध्ययनरत हैं इस पर भी खतरा मंडरा रहा है हालांकि स्कूल प्रबंधन द्वारा इसे न तोड़े जाने की अपील की है इसके अलावा यहां एएनएम सेंटर सामुदायिक विकास भवन भी बनाया गया और नगीना कॉलोनी की ही सरहद पर एक अन्य प्राइमरी स्कूल भी यहां बताया जा रहा है!
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बहरहाल जनप्रतिनिधियों द्वारा यहां पर सीसी मार्ग के अलावा बिजली पानी की भी व्यवस्था मुहैया कराई मूलभूत सुविधाएं प्रदान किए जाने के बाद लोगों को लगा कि शायद धीमे-धीमे उन्हें इस जगह का मालिकाना हक भी मिल जाएगा जो उनकी अपनी बुद्धि विवेक से सोचा गया निर्णय नहीं था बल्कि नेताओं के आश्वासन से बनाया गया एक ख्याली पुलाव था इस स्थान पर सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2011 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री द्वारा प्राइमरी पाठशाला का लोकार्पण किया गया जो तमाम सुविधाओं से सुसज्जित है स्कूल में फर्नीचर की बेहतरीन व्यवस्था है इसके अलावा बिजली पानी तथा पंखे का भी पर्याप्त इंतजाम है एक ऐसी व्यवस्था जो पब्लिक स्कूल की व्यवस्थाओं को भी आईना दिखाती है!
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इसके अलावा यह लोग लोकतांत्रिक व्यवस्था में भी अच्छी पकड़ रखते हैं एक बड़ी तादाद में यहां पर मतदाताओं की संख्या है इनके अपने राशन कार्ड बने हैं और ऊपर से सरकारी सुविधाएं भी इनको बराबर मिल रही थी मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी इन लोगों पर जमकर मेहरबानी की गई समय-समय पर इन को हटाने का फरमान भी मिला लेकिन इनकी सोच और रेलवे के फरमान के बीच नेता दीवार बनकर खड़े हो गए और नेताओं का यही रवैया आज उनके बने बनाए आशियाने को जमींदोज करने का प्रमुख कारण बना