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पंतनगर से गौरव गुप्ता की रिपोर्ट: जीबी पंत कृषि विवि की एक जेआरएफ ने वर्ष 2020 में राजभवन में उसके परियोजना धिकारी पर यौन उत्पीड़न करने व उसके चलते आजीविका की हानि होने का आरोप लगाया था। मामले का संज्ञान लेते हुए बीती 16 मार्च को राज्यपाल के सचिव रविनाथ रामन ने पंत विवि के कुलपति को पत्र लिखकर दो डीवीडी भेजी हैं, जिनका परीक्षण कर जांच आख्या अतिशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
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दरअसल पंतनगर विवि के मशरूम अनुसंधान केंद्र में एक छात्रा का जेआरएफ पद पर चयन जून 2019 में हुआ था। जेआरएफ ने 21 जनवरी 2020 को अपने परियोजना इंचार्ज पर मानसिक शोषण व आरोप लगाया था, कि वह उसका यौन उत्पीड़न कर रहे हैं और उस पर जेआरएफ का पद छोड़ने के लिए दबाव बना रहे हैं। अन्यथा सात माह में वेतन के रूप में लिए करीब दो लाख रुपये की रिकवरी कराने की बात कह रहे हैं। जेआरएफ ने इसकी शिकायत कुलाधिपति समेत कुलपति व केंद्र के संयुक्त निदेशक से की थी।
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साथ ही यह भी बताया कि इंचार्ज पर पूर्व में भी इस प्रकार के आरोपों में घिरे रहे हैं। इसके एक सप्ताह बाद परियोजना इंचार्ज ने निदेशक शोध व निदेशक प्रशासन के पत्र का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से जेआरएफ की सेवाएं निरस्त कर दी थीं।
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इधर मामले में सुनवाई करते हुए राजभवन ने 23 मई 2020 को परियोजनाधिकारी सहित विवि के कुलसचिव व सीपीओ को राजभवन तलब कर मामले की सुनवाई की थी। जिसके बाद से विवि के अधिकारी लीपापोती करते हुए इस मामले को अब तक लटकाए हुए थे। मामले में राजभवन ने परियोजनाधिकारी सहित कुलसचिव व सीपीओ को राजभवन तलब कर जांच के आदेश दिए थे।
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मामले में जांच चलती रही, लेकिन पीडिता को न्याय नहीं मिल सका। जिसके बाद दो दिसंबर 2022 को पीडिता की ओर से राजभवन में सुबूत के तौर पर दो डीवीडी उपलब्ध कराते हुए पुनः प्रत्यावेदन सौंपा गया था। अब एक बार फिर मामले में राजभवन से डीवीडी की जांच कर आख्या मांगने से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।