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जुबानी जंग: हरक और हरीश का अब ये बयान बना चर्चा का विषय

बकौल हरीश रावत, मैंने कभी नहीं कहा कि मुझसे माफी मांगों, बल्कि मैं कह रहा हूं कि राज्य की जनता से माफी मांग लो।

हरीश भाई, मेरे बड़े भाई हैं। उनके सात खून माफ। वह चाहे मुझे जो बोल दें, मैं बुरा नहीं मानूंगा। उनकी हर बात आशीर्वाद है। बड़े भाई हरीश के चरणों में नतमस्तक हूं… शुक्रवार को कुछ इन्हीं बदले सुरों के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि कुंवर प्रणव चैंपियन के साथ ही हरीश भाई के भी सात खून माफ हैं।

शुक्रवार को कुंवर प्रणव चैंपियन की तथाकथित ऑडियो वायरल होने के मामले में कैबिनेट मंत्री मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुंवर चैंपियन मेरा भाई है। वह कुछ भी बोल दे, गाली दे दे, उसके सात खून माफ हैं। जब उनसे हरीश रावत को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं हरीश भाई को बड़ा भाई कहता हूं। हरीश भाई सहन नहीं कर पाते। कोई तो रावत होना चाहिए, सहन करने वाला। चैंपियन की तरह हरीश भाई के लिए भी माफी है।

बड़े भाई हैं मेरे। हरीश भाई मुझे कुछ भी बोल दें, वह मुझे चोर बोल दें, आज मुुझे अपराधी बोल दिया। हरीश भाई के चरणों में नतमस्तक हूं। बड़े भाई हैं। कुछ भी बोल दें, उनके सात खून माफ हैं। जब उनसे पूछा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी यही कह रहे हैं कि कांग्रेस में वापसी के लिए माफी मांगें तो हरक ने कहा कि मैं वापसी की माफी नहीं मांग रहा हूं। बड़े भाई से माफी मांग रहा हूं। वह कुछ भी बोल दें। उनका हर शब्द हमारे लिए आशीर्वाद है, फूल है।

हरक के नरम पड़े तेवरों की वजह से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। कल तक एक-दूसरे पर जमकर कटाक्ष कर रहे नेताओं की इस जुबानी जंग पर फिलहाल विराम लगता नजर आ रहा है। दूसरी ओर, कई लोग हरक के इन तेवरों को उनकी कांग्रेस वापसी से जोड़कर भी देख रहे हैं।

बता दें कि हाल ही में हरक सिंह रावत ने कहा था कि हरीश रावत और उनके समर्थकों ने मुझे जेल भिजवाने की साजिशें कीं। चरित्र हनन का भी प्रयास किया लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। तब हरक सिंह ने कहा था कि राजनीति में किसी का भी विश्वास कर लिया जाए, लेकिन हरीश भाई का विश्वास कतई नहीं करना चाहिए। हरक ने कहा था कि अगर छलनी दावा करे कि वो पानी रोक लेगी, तो उसका विश्वास कर लेना चाहिए, लेकिन हरीश की बात का नहीं।

जवाब दिया है। रावत ने कहा कि यदि किसी हृदय परिवर्तन होता है तो यह अच्छी बात है। यही वह लोग हैं, जिन्होंने आगे चलकर इस राज्य की बागड़ोर संभालनी है।

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच होने वाली जुबानी जंग किसी से छुपी नहीं है। वहीं, हरीश रावत पर जमकर निशाना साधने वाले हरक सिंह रावत अब उनके आगे नतमस्तक होने की बात कर रहे है। इस पर हरीश रावत ने नसीहत देने वाले अंदाज में सधा हुआ जवाब दिया है।

हरीश ने कहा यदि आप अपने लिए बड़ा सोचते हैं, राज्य की बागड़ोर तक संभालने की बात करते हैं तो इसके लिए आपमें नैतिक बल भी होना चाहिए। बकौल हरीश रावत, मैंने कभी नहीं कहा कि मुझसे माफी मांगों, बल्कि मैं कह रहा हूं कि राज्य की जनता से माफी मांग लो।

अगर उन्हें (हरक सिंह रावत) को आगे बढ़ना है तो इतना नैतिक बल तो दिखाना ही होगा। जनता के बीच में खुद को साबित करना होगा। मेरी किसी से व्यक्तिगत रंजिश नहीं है। मैं जब भी भविष्य के बारे में सोचता हूं तो देखता हूं आने वाले समय में कौन इस राज्य की बागडोर संभाल सकता है। हरीश रावत ने कहा कि राज्य की बागडोर जो भी संभाले, लेकिन उसमें नैतिक बल होना चाहिए।

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