अस्कोट पुलिस ने 648 नग अवैध लकड़ी की बरामद

पिथौरागढ़ से दीपक जोशी की रिपोर्ट: पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़, लोकेश्वर सिंह के आदेशानुसार, क्षेत्राधिकारी धारचूला, विनोद कुमार थापा के निर्देशन में अवैध तरीके से लकड़ी इत्यादि की तस्करी करने वालों के विरुद्ध सर्तक दृष्टि रखते हुए कड़ी कार्यवाही किये जाने के क्रम में -09/10/2021 को प्रभारी निरीक्षक कोतवाली अस्कोट, मोहन चन्द्र पाण्डे को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम दौलानी में हरी साल व तुन की लकड़ी का अवैध कटान हो रहा है।
इस सूचना पर प्रभारी निरीक्षक कोतवाली अस्कोट द्वारा वन विभाग को सूचना दी गयी तथा वन विभाग के वन दरोगा सलमान हुसैन, बलदेव गोस्वामी के साथ थाना अस्कोट से करीब 43 किमी0 दूर वाहन से व 01 किमी0 पैदल चलकर ग्राम दौलानी में दबिश दी गयी तो गाँव में 6 भिन्न भिन्न स्थानों से कुल- 648 नग लकड़ी के बरामद हुए।
जिसमें बल्ली साल कच्ची लकड़ी- 150 नग, सानन बल्ली- 42 नग, बल्ली तुन- 127 नग, तख्ते तुन- 162 नग व तुन की कच्ची लकडी के गेल / स्लिपर 07 नग एवं पुरानी लकडी तख्ते तुन- 100 नग व पुरानी लकडी बल्लियॉ साल- 60 नग, बरामद हुए । सम्पूर्ण लकड़ी मौके पर वन विभाग के सुपुर्द की गयी एवं यह माल तीन अलग अलग लोगों का होना पाया गया। मौके पर चिरान / कटान कर रहे मजदूर भाग गये, वन विभाग द्वारा सम्बन्धित के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बरामदा माल निम्न तीन लोगों का होना पाया गया।
01. कुशल सिंह खड़ायत पुत्र हिम्मत सिंह, निवासी- मल्ली चमडुंगरी, हाल – परचून की दुकान ढटकोला मातोली (481 नग हरी लकड़ी)
02. पुष्कर सिंह पुत्र दिवान सिंह, निवासी- ग्राम दौलानी तहसील कनालीछीना थाना अस्कोट जिला पिथौरागढ़ (160 नग पुरानी लकड़ी)
03. जीत सिंह सामन्त पुत्र धन सिंह सामन्त, निवासी- ग्राम दौलानी तहसील कनालीछीना थाना अस्कोट जिला पिथौरागढ़, (07 नग हरी लकड़ी)
पुलिस / वन विभाग की टीम के सदस्य
1. मोहन चन्द्र पाण्डे- प्रभारी निरीक्षक कोतवाली अस्कोट,
2. वन दरोगा सलमान हुसैन, कनालीछीना क्षेत्र डीडीहाट वन रेंज,
3. वन दरोगा बलदेव गोस्वामी, बुंगाछीना क्षेत्र डीडीहाट वन रेंज,
4. कानि0 201 नापु0 निर्मल किशोर, चौकी ओगला कोतवाली अस्कोट,
5. कानि0 97 नापु0 दिनेश राणा, चौकी पीपली कोतवाली अस्कोट,
6. कानि0 182 नापु0 महेश बोरा, चौकी पीपली कोतवाली अस्कोट,
7. कानि0 326 नापु0 संजीत राणा, कोतवाली अस्कोट,
8. HG योगेश चौहान, कोतवाली अस्कोट ।