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Online पिज़्ज़ा खाने की इच्छा! खाया भी नहीं! चुकाने पड़े 5 के 50 हज़ार

रुड़कीः ऑनलाइन के दौर में घर बैठे ही सामान मंगाया जाता है। ऐसे में कई शख्स ठगी का शिकार हो जाते हैं। ऑनलाइन के चक्कर में खातों से रकम उड़ा ली जाती है।ऐसा ही एक मामला रुड़की से सामने आया है जहां 5 की जगह पचास हजार रुपये चुकाने पड़ गए। सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के एक युवक को ऑनलाइन पिज्जा ऑर्डर करना भारी पड़ गया।

दरअसल युवक को बिना पिज्जा खाए ही 50 हजार की रकम चुकानी पड़ी। अब पीड़ित ने कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक, शाकुंभरी एनक्लेव मोहनपुरा मोहम्मदपुर निवासी राजकुमार शर्मा ने सिविल लाइन कोतवाली पुलिस को एक तहरीर दी है। जिसमें राजकुमार ने बताया कि 24 सितंबर की शाम उन्हें पिज्जा मंगवाना था, इसलिए उन्होंने गूगल पर रूम्स पिज्जा का नंबर सर्च किया तो वहां से उन्हें एक नंबर मिला।

उन्होंने उस नंबर पर पिज्जा ऑर्डर करने के लिए कॉल किया तो उधर से एक लिंक उनके नंबर पर एसएमएस किया गया। जिसमें बताया गया कि इस लिंक पर क्लिक करने के बाद केवल 5 रुपए देकर पिज्जा ऑर्डर हो जाएगा। राजकुमार शर्मा ने उस लिंक पर क्लिक किया और वहां से अपने अकाउंट को अटैच कर 5 रुपये ट्रांसफर किए, लेकिन कुछ ही देर में उनके खातों से अलग-अलग ट्रांजेक्शन में 50 हजार की रकम किसी और खाते में ट्रांसफर हो गई। जिसे देख उसके होश उड़ गए। वहीं, पीड़ित ने अब पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।

उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है। जिस पर अपनी शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं। इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. यही नहीं, फेसबुक के माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/ संपर्क कर सकते हैं।

उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक किसी भी तरह की फाइनेंशियल धोखाधड़ी की सूचना हेल्पलाइन नंबर 155260 पर दी जाती है, जिसके बाद सुरक्षा चक्र कंट्रोल रूम द्वारा तत्काल इस सूचना को ग्राम मंत्रालय के NCRP पोर्टल पर दर्ज किया जाता है  इस सूचना के अंकित होने के बाद गृह मंत्रालय से पीड़ित को मैसेज के माध्यम से एक लिंक भेजा जाता है। पीड़ित द्वारा इस लिंक पर क्लिक कर अपनी शिकायत 24 घंटे के अंदर NCRP पोर्टल में पंजीकृत कराना आवश्यक है, जिसके बाद त्वरित कार्रवाई की जाती है।

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