ब्रेकिंग: CM की रेस में कौन? इन नामों से सियासी गलियारों में हलचल
.....तो कौन होगा उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री?

Dehradun: उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसपर चर्चाओं का बाजार बहुत गर्म है। चुनाव परिणाम आने के बाद से भाजपा द्वारा जीते गए राज्यों में सीएम तय होने की कवायद शुरू हो गई थी। तीन राज्यों में नाम तय हो चुके हैं। उत्तराखंड में सीएम के चुनाव हारने से तय नहीं हो पाया है। पर अब कवायद निर्णायक मोड़ पर है। उत्तराखंड में सीएम पद को लेकर कवायद तेजी से चल रही है। विधानसभा चुनाव 2022 में सीएम पुष्कर सिंह धामी के खटीमा विधानसभा सीट से हार के बाद अब भाजपा विधायकों ने लॉबिंग भी शुरू कर दी है।
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राजनैतिक सूत्रों की मानें तो कई विधायक सहित सांसद मुख्यमंत्री की रेस में शामिल होने की बात कह रहे हैं। इसी के बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भाजपा हाईकमान ही उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाएगी। कहा कि उत्तराखंड की कमान किसे हाथों में दी जाएगी इसपर केंद्रीय नेतृत्व गहनता से विचार कर रहा है। विधायक दल की बैठक के बाद ही मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी।
भाजपा नेतृत्व ने बुधवार को अचानक कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत को दिल्ली बुला लिया है। उनके दिल्ली रवाना होने से ही सियासी हलकों में अटकलों का दौर शुरू हो गया। सियासी गलियारे में पहले ही 80 के दशक वाले विधायक को सीएम बनाए जाने की बात चल रही थी। अब अचानक भगत को दिल्ली बनाए जाने से इसे और बल मिल रहा है। उनके प्रोटेम स्पीकर बनने के बाद से ही उनके कद को लेकर तमाम तरह की सियासी चर्चाएं शुरू होने लगी थी।
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विधानसभा चुनाव-2022 में भाजपा ने 47 सीटें जीती हैं। अब सरकार गठन की तैयारी चल रही है। भाजपा ने खटीमा विधायक व सीएम पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह अपनी सीट से हार गए। तब से ही नए सीएम को लेकर तमाम तरह की अटकलें लग रही हैं। धामी को फिर से सीएम बनाए जाने की चर्चा भी जोरशोर से चल रही है।
इसके अलावा सीएम पद को लेकर तमाम अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम भी उछल रहे हैं। वैसे भी सीएम पद को लेकर भाजपा में हमेशा चौंकाने वाला निर्णय देखा गया है। इस समय होली के चलते विधानमंडल की बैठक नहीं हो सकी है। इसलिए अधिकांश विधायक अपने क्षेत्रों में होली मनाने निकल गए हैं।कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत भी प्रोटेम स्पीकर बनने के बाद अपने क्षेत्र में आ गए थे, लेकिन बुधवार को उन्हें अचानक दिल्ली बुलाया गया है। जबकि वह अपने क्षेत्र में होली आयोजनों में व्यस्त थे।
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दरअसल; भगत शाम चार बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। जैसे ही वह दिल्ली को रवाना हुए। प्रदेश भर के सियासी हलकों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया। चर्चा उनके सीएम बनाए जाने को लेकर भी उठने लगी है। जब इस संबंध में भगत से बात की तो उन्होंने दिल्ली जाने की बात स्वीकार की, लेकिन इसका कारण निजी काम बताया।
वहीं धामी के हारने के बाद करीब आधा दर्जन विधायकों ने उनके लिए सीट छोड़ने की भी पेशकश कर डाली है। ऐसे में अब यह देखना बहुत ही ज्यादा दिलचस्प होगा कि भाजपा हाईकमान धामी पर दोबारा भरोसा जताती है या फिर विधायकों के बीच में से ही किसी को उत्तराखंड की कमान सौंपती है। उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर भाजपा हाईकमान 20 मार्च तक मुहर लगा सकती है। हाईकमान ने भाजपा के सभी निर्वाचित विधायकों को होली के बाद देहरादून में रहने की सख्त हिदायत दी है।
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आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत के बाद भी हाईकमान ने नेता सदन की चयन प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की है। समझा जा रहा है कि 17 मार्च तक होलाष्टक होना इसका मुख्य कारण है। मुख्यमंत्री चयन के लिए भाजपा हाईकमान भी काफी सतर्क है ताकि पिछली बार की तरह तीन-तीन मुख्यमंत्री बदलने जैसी स्थितियों न पैदा हो। ऐसे में हाईकमान सभी विकल्पों पर गहनता से विचार कर रही है।
राजनैतिक सूत्रों की मानें तो सांसदों में पूर्व सीएम डा. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट और सांसद अनिल बलूनी के नामों पर क्यासबाजी हो रही है। लेकिन, मुख्यमंत्री पद पर आखिरी फैसला भाजपा हाईकमान ही लेगी।