उत्तराखंड

बड़ी ख़बर: यूक्रेन में एक और भारतीय छात्र की मौत

यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के बीच बुधवार, 2 मार्च को एक और भारतीय छात्र की मौत की खबर आई। मृतक का नाम चंदन जिंदल बताया गया है। 22 साल के चंदन पंजाब के बरनाला के रहने वाले थे। उनकी मौत की वजह यूक्रेन-रूस युद्ध से नहीं जुड़ी है।

यूक्रेन में रूस का हमला जारी है. यूक्रेन के कई शहरों में तबाही मची हुई है. इस बीच यूक्रेन में एक और भारतीय छात्र की मौत हो गई है. इससे पहले मंगलवार को भी एक भारतीय छात्र ने जान गंवाई थी. अब पंजाब के बरनाला जिले के छात्र की मौत हुई है.

22 साल के चंदन जिंदल की मौत
युद्ध प्रभावित यूक्रेन में बुधवार को 22 साल के चंदन जिंदल की मौत हो गई. मस्तिष्क में खून के प्रवाह में बाधा की बीमारी के लिए करीब एक महीने से उसका उपचार चल रहा था. उनकी ब्रेन हेमरेज के चलते जान गई. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चंदन जिंदल को यूक्रेन के विनित्सिया आपातकालीन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. छात्र के परिवार ने सरकार से उसके पार्थिव शरीर को वापस लाने का अनुरोध किया है.

चंदन की तबीयत थी खराब

जिंदल विनित्सिया नेशनल पिरोगोव मेमोरियल मेडिकल यूनिवर्सिटी, विनित्सिया में पढ़ाई कर रहे थे. जिंदल के चाचा कृष्ण गोपाल ने बरनाला में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें तीन फरवरी को उसके खराब स्वास्थ्य की सूचना मिली थी और यूक्रेन के अधिकारियों ने ऑपरेशन करने के लिए परिवार की मंजूरी मांगी थी.

चंदन के पिता भी हैं यूक्रेन में
गोपाल ने कहा कि वह और चंदन के पिता सात फरवरी को यूक्रेन गए थे। गोपाल बाद में लौट आए, जबकि उनके भाई अपने बेटे के साथ यूक्रेन में रह गए। बरनाला के पुलिस उपायुक्त ने राज्य के प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखकर परिवार को सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है।

पत्र के अनुसार बीमार पड़ने के कारण चंदन जिंदल को विनित्सिया आपातकालीन अस्पताल (कीवस्का स्ट्रीट 68) के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था। जिंदल मस्तिष्क में इस्किमिया स्ट्रोक (मस्तिष्क को खून के प्रवाह में बाधा होने) से पीड़ित थे। उन्होंने आज अंतिम सांस ली।

जिंदल के पिता ने रोमानिया के साइरेट बॉर्डर से एयर एंबुलेंस के जरिए अपने बेटे के शव को भारत लाने के लिए सरकार से मदद मांगी है। इससे पहले यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में गोलाबारी में कर्नाटक के नवीन शेखरप्पा की मौत हो गई है।

चंदन जिंदल यूक्रेन के विन्नितसिया नेशनल पाइरोगोव, मेमोरियल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्र के पिता ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मांग की है कि उनके बेटे के शव को जल्द से जल्द भारत वापस लाने में उनकी मदद की जाए।

इससे पहले बीते मंगलवार 1 मार्च को नवीन शेखरप्पा नाम के भारतीय छात्र के यूक्रेन में मारे जाने की खबर आई थी। कर्नाटक के रहने वाले नवीन युद्ध के दौरान खारकीव में थे। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक वो अपने और साथियों के लिए खाना लाने बंकर से बाहर निकले थे। लेकिन वापस नहीं लौटे। बताया गया कि खाने लाने के लिए जाते समय ही 21 वर्षीय नवीन रूसी हमले की चपेट में आ गए थे।

इस बीच 2 मार्च को भारतीय दूतावास ने एक नई एडवाइजरी जारी की है. इसमें उसने यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को फौरन खारकीव छोड़ने का निर्देश दिया है।

 

ये खारकीव में रह रहे सभी भारतीयों के लिए अर्जेंट एडवाइजरी है. अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तत्काल सभी लोग खारकीव को छोड़ दें. खराब होती मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए तत्काल खारकीव छोड़ें.’

एडवाइजरी के मुताबिक भारतीय नागरिक अपनी सुरक्षा के लिए तुरंत पेसोचिन (Pesochin), बेबेये (Babaye) और बेजलियुडोवका (Bezlyudovka) जैसे इलाकों की तरफ बढ़ें. भारतीय दूतावास ने कहा है कि यूक्रेनी समय के अनुसार शाम छह बजे तक सभी लोग किसी भी हालत में इन जगहों पर पहुंच जाएं।

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