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राजनीति: हरदा ने बटोरी सुर्खियां! आप भी देखिये Video

हल्द्वानी/लालकुआं से मुकेश कुमार की रिपोर्ट: Uttarakhand Vidhan Sabha Election 2022 भाजपा से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तो कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनावी महासमर की कमान संभाले हुए हैं। चुनाव में मुख्यमंत्री पद के इन दोनों ही दावेदारों की हाट सीटों पर प्रदेश की टकटकी लगी है। दोनों चेहरों पर अपनी-अपनी सीट के साथ ही आसपास की सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों को जीत दिलाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है। इस पर कौन कितना खरा उतर पाता है, 14 फरवरी को मतदाता यह फैसला करेंगे।

उत्तराखंड कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने जब से लालकुआं विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। यह सीट एकदम हॉट सीट बन गई है, हरीश रावत लगातार चर्चाओं में है। रविवार को सुबह- सुबह हरीश रावत ने कबड्डी खेल कर फिर से सुर्खियां बटोरी हैं। उन्होंने बिन्दुखत्ता में कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।

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उधर, हरीश रावत से घबराए भाजपा के दिग्गज लगातार उन पर तंज कसते हुए घेरने का प्रयास कर रहे हैं, तो वही कांग्रेस के सदैव तारणहार रहे हरीश रावत की। इस विधानसभा चुनाव में बैतरणी किस प्रकार पार लगेगी, यह जिम्मेदारी लालकुआं विधानसभा सीट से अब तक दावेदारी कर रहे दिग्गज कोंग्रेसियों पर के कंधो पर टिकी हुई है।

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उक्त कोंग्रेसियों को आपसी तालमेल के साथ हरदा को चुनाव लड़ना होगा, क्योंकि उक्त दावेदारों के समर्थकों के बीच भी आपसी तालमेल ठीक नहीं है। उनमें आपसी सामंजस्य बिठाना भी इनके लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाला है। टीम हरीश रावत की बात करें तो अब तक उनके द्वारा प्रभावी ढंग से चुनाव प्रचार शुरु नहीं किया गया है, उनके पुत्र आनंद रावत ने भी अभी तक लालकुआं में प्रवेश नहीं किया और ना ही कोई प्रभावशाली व्यक्तित्व ही चुनाव की बाग डोर संभालने की जिम्मेदारी अब तक उठा पाया है।

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वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारकों का लगातार हरीश रावत पर प्रहार जारी है। गत दिवस वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अपने बयानों में कहा कि लालकुआं हरदा के लिए राजनैतिक ‘मौत का कुआं’ साबित होगा, इस बार फिर वह चुनाव हारेंगे। जबकि इसके जवाब में हरीश रावत ने नरम अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस बार लालकुआं उनके लिए अमृत का कुंड साबित होने जा रहा है। इससे लालकुआं के साथ-साथ पूरे प्रदेश का भला होगा।

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उधर दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने अपने बयानों में कहा है कि राम के नाम ने हरदा को कुएं में धकेल दिया। अर्थात उनका तात्पर्य यह है कि रामनगर से चुनाव हारने के भय से उन्हें लालकुआं सीट में जाना पड़ा। कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव के लिए सियासी पारा चढ़ चुका है और हरदा के लिए यह चुनाव अब तक का सबसे बड़ा चैलेंज साबित होने जा रहा है।

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