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ब्रेकिंग: हरक नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, लेकिन यह सस्पेंस बरकरार

देहरादून : उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है जहां उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों में बड़ा घमासान मचा हुआ है। वहीं दोनों पार्टियों में एक से एक बड़े नेता पार्टी छोड़कर दूसरे पार्टी में शामिल हो रहे हैं। वहीं उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पहली बार ऐसा होगा कि हरक सिंह रावत चुनावी मैदान में नहीं होंगे।

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दरअसल, विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद अब ये कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस उन्हें किसी सीट से चुनाव लड़ा सकती है, सूत्र। परिस्थितियां अनुकूल होने पर कांग्रेस उन्हें राज्यसभा भी भेज सकती है। चर्चा है कि इस सिलसिले में हरक की कांग्रेस हाईकमान से बातचीत भी हुई है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में हरक सिंह रावत का कांग्रेस की ओर से जारी तीसरी सूची में भी नाम नहीं था। इससे साफ हो गया कि वे विधानसभा चुनाव में मैदान में नहीं होंगे।

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हालांकि, उनकी बहू अनुकृति गुसाईं लैंसडौन सीट से चुनाव लड़ेंगी। वहीं, टिकट नहीं मिलने के बाद पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने की मेरी इच्छा नहीं थी। भाजपा में रहने के दौरान भी मैंने केंद्रीय नेताओं को इस बारे में अवगत करा दिया था। कांग्रेस में वापसी करने के बाद भी मैंने यही कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा।

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भाजपा से निकाले जाने के बाद कांग्रेस में वापसी को भी हरक सिंह रावत को काफी इंतजार करना पड़ा था। छह दिन के बाद उनकी कांग्रेस में वापसी हुई। 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार से बगावत करने वाले हरक सिंह को वापसी के लिए मौखिक और लिखित माफी मांगनी पड़ी।

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कांग्रेस में शामिल होने के बाद माना जा रहा था कि पार्टी चुनावी राजनीति में हरक की महारत का लाभ उठाएगी। प्रत्याशियों की दूसरी सूची में हरक को तो नहीं, लेकिन उनकी पुत्रवधू को लैंसडौन से टिकट दे दिया गया। इसके बाद उन्हें चौबट्टाखाल या डोईवाला से टिकट देने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन तीसरी और अंतिम सूची सामने आने के बाद ये कयासबाजी भी खत्म हो गई।

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