
नैनीताल: देहरादून की हॉट सीट राजपुर से कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। राजकुमार के फर्जी प्रमाण पत्र के मसले पर जिला प्रशासन की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई कि मसला हाईकोर्ट तक जा पहुँचा है।
दरअसल, देहरादून जिले की राजपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाईकोर्ट ने उनके जाति प्रमाण पत्र को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए राजकुमार के साथ ही सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 18 फरवरी नियत की गई है।
देहरादून निवासी बालेश बवानिया ने याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि राजकुमार ने 2011 में फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर अपना जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया, जो शिकायतकर्ता की जांच के बाद 2012 में निरस्त कर दिया गया। फिर कुछ दिन बाद ही राजकुमार ने फिर से नया जाति प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। देहरादून के खुड़बुड़ा मोहल्ला निवासी बालेश बवानिया का कहना है पूर्व विधायक के खिलाफ धोखाधड़ी को लेकर कार्रवाई की जानी चाहिए थी। उन्होंने डीएम को शिकायती पत्र सौंपकर कानूनी कार्रवाई की मांग कर की तो डीएम ने एसडीएम को जांच सौंपी है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के अनुसार नियमानुसार राज्य में 1950 से पहले से रह रहे व्यक्ति को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने का अधिकार है। यदि आवेदक का परिवार 1950 से पहले दूसरे राज्य में रहता है तो वहीं से प्रमाण पत्र हासिल करने का अधिकारी होगा। यह भी कहा कि डीएम ने जिलाधिकारी को एसडीएम को नहीं बल्कि कमेटी गठित कर जांच करानी चाहिए। न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए पूर्व विधायक राजकुमार व सरकार से जवाब मांगा है।
दिलचस्प बात ये कि कांग्रेस कल अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है और सूत्रों की माने तो राजपुर सीट से पूर्व विधायक राजकुमार पर एक बार फिर दांव लगाने की पार्टी की तैयारी है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर फर्जी प्रमाण पत्र को लेकर चौतरफा घिरे राजकुमार के खिलाफ जांच चली जाती है तो उनका और इस सीट पर कांग्रेस का भविष्य क्या होगा।