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भूलकर भी न करें Google पर ये 10 गलतियां! वरना हो सकती है जेल

नई दिल्ली: गूगल (Google) एक ऐसा सर्चिंग प्लेटफॉर्म है, जो अपने यूजर्स को स्वतंत्र रुप से कुछ भी सर्च करने की साहूलियत देता है। लेकिन गूगल सिक्योरिटी को लेकर काफी सतर्क है। जिसे लेकर कंपनी की अपनी पॉलिसी हैं। साथ ही गूगल जिस देश में ऑपरेट होता है, उसे वहां के स्थानीय यानी लोकल नियमों का पालन करना होता है। ऐसे में अगली बार अगर गूगल पर कुछ भी सर्च करें, तो हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि किन 10 चीजों को भूलकर भी नहीं सर्च करना चाहिए। वरना आप भारी मुसीबत में पड़ सकते हैं।

चाइल्ड पोर्न: भारत सरकार चाइल्ड पोर्न को लेकर काफी सख्त है। इसके बावजूद अगर आप गूगल पर चाइल्ड पोर्न सर्च करते हैं, तो आपको जेल जाना पड़ सकता है, क्योंकि ऐसा करना गैरकानूनी है। पास्को एक्ट 2012 के सेक्शन 14 के तहत चाइल्ड पोर्न देखने को शेयर करना और उसे बनाना कानूनन अपराध है। ऐसा करने वाले व्यक्ति के लिए न्यूनतम 5 साल और अधिकतम 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।

छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार झेलने वाली पीड़िता का नाम और फोटो ना करें शेयर: किसी भी छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार पीड़िता के नाम और उसकी फोटो को शेयर करना गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से किसी भी छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार पीड़िता के नाम और फोटो को उजागर करना गैरकानूनी करार दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के मुताबिक ‘कोई भी व्यक्ति प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया आदि किसी भी प्लेटफॉर्म से छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार पीड़िता की पहचान ज़ाहिर नहीं कर सकता। ऐसे में भूलकर भी सोशल मीडिया या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार पीड़िता के नाम और फोटो को ना डालें, नहीं तो आपको जेल जाना पड़ेगा।

फिल्म पाइरेसी: रिलीज से पहले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किसी भी फिल्म को लीक करना या फिर पाइरेसी फिल्म को डाउनलोड करना अपराध है। पीएम मोदी सरकार में यूनियन कैबिनेट ने सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 में संशोधन मंजूर कर लिया है। कैबिनेट के नए फैसलों में फिल्म पाइरेसी को अब एक गंभीर अपराध माना जाएगा। ऐसा करने पर कम से कम 3 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना देना होगा। इस कानून के दायरे में वो लोग भी आएंगे, जो सिनेमाघरों में फिल्म की रिकॉर्डिंग करते हैं या ऐसी रिकॉर्डिंग का कारोबार करते हैं।

गर्भपात कैसे करें: गूगल पर गर्भपात करने के तरीके गलती से भी ना सर्च करें। बिना डॉक्टर की इजाजत के गर्भपात करना गैरकानूनी है। कई मामले सामने आए हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से गर्भपात कराने की मांग की है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से किसी बीमाीर से ग्रसित महिला को डॉक्टर की सलाह से गर्भपात की इजाजत दी है। ऐसे में ऑनलाइन सर्च करके गर्भपात की विधि ना ढ़ूढ़ें, नहीं तो जेल जाना पड़ेगा।

प्राइवेट फोटो और वीडियो: Google या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर बिना इजाजत निजी फोटो या वीडियो को शेयर करना अपराध है। ऐसा करने वाले व्यक्ति के लिए सजा का प्रावधान है। साइबर क्राइस की धारा के तहत निजी फोटो और वीडियो शेयर करने पर जेल जाना पड़ सकता है।

बम बनाने का प्रोसेस: Google पर भूलकर भी बम बनाने का प्रोसेस या इससे जुड़ी किसी भी चीज को सर्च न करें। ऐसा करने से आपको जेल जाना पड़ सकता है। आपको बता दें कि जैसे ही आप इस तरह की चीज गूगल पर सर्च करेंगे, तो आपके कंप्यूटर या लैपटॉप का आईपी एड्रेस सीधा सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंच जाएगा। इसके बाद संभव है कि सुरक्षा एजेंसियां आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकती हैं।

दवाइयां: यदि आपकी तबीयत खराब है और आप गूगल के जरिए लक्षणों के आधार पर यह पता लगाना चाहते हैं कि आप कौन-सी बीमारी से संक्रमित हैं। साथ ही गूगल पर उस बीमारी से ठीक होने के लिए दवाइयां सर्च कर रहे हैं, तो ऐसा भूलकर भी न करें। गलत दवाइयों का सेवन करने से आपकी तबीयत ज्यादा खराब हो सकती है। इसलिए जब भी आपकी तबीयत खराब हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

मोबाइल ऐप या सॉफ्टवेयर: गूगल सर्च के जरिए कई बार फिशिंग या फर्जी ऐप्स और सॉफ्टवेयर हम डाउनलोड कर लेते हैं, जो हमारे डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में किसी ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर या फिर ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें। यही नहीं, किसी भी सॉफ्टवेयर को कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट से ही डाउनलोड करें।

शॉपिंग ऑफर्स: गूगल या किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शॉपिंग ऑफर्स सर्च करना खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल गूगल पर कई सारी फर्जी वेबसाइट्स भी आपको मिल जाएंगी, जिनपर ऑफर्स की आड़ में साइबर अपराधी आपके बैंक अकाउंट को ही खाली कर सकते हैं। इसलिए इन चीजों से दूर रहें।

कस्टमर केयर नंबर: Google पर किसी भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च करना नुकसान दायक साबित हो सकता है। दरअसल कई मामलों में फेक या फर्जी हेल्पलाइन नंबर Google Search में फ्लोट होते हैं। ऐसे में जब आप उस नंबर पर कॉल करेंगे तो आपका नंबर हैकर्स के पास पहुंच जाता है, जो हैकिंग की वजह बनता है।

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