बिग ब्रेकिंग: देवस्थानम बोर्ड पर सतपाल महाराज का बड़ा बयान

रिपोर्ट भगवान सिंह: उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड को लेकर जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा ऐलान किया है, तो वही दूसरी और देवस्थानम बोर्ड पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का बड़ा बयान सामने आया है। मंत्री सतपाल महाराज ने अपने बयान में कहा है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड को भंग नहीं किया गया है। मंत्री सतपाल महाराज के इस बयान से सवाल उठने लगे हैं। मंत्री सतपाल महाराज के इस बयान से तो ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे सरकार में मुख्यमंत्री और मंत्रियों में तालमेल नहीं है।
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वर्ष 2019 में श्राइन बोर्ड की तर्ज पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड बनाने का फैसला लिया। तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बावजूद सरकार ने सदन से विधेयक पारित कर अधिनियम बनाया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर त्रिवेंद्र सरकार का फैसला पलट दिया। धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का एलान किया। दो साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था। तीर्थ पुरोहितों, हकहकूकधारियों के विरोध और कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बोर्ड को मुद्दा बनाने से सरकार पर दबाव था।
कब क्या हुआ
– 5 दिसंबर 2019 में सदन से देवस्थानम प्रबंधन विधेयक पारित हुआ।
– 14 जनवरी 2020 को देवस्थानम विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दी।
– 24 फरवरी 2020 को देवस्थानम बोर्ड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया।
– 24 फरवरी 2020 से देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का धरना प्रदर्शन
– 21 जुलाई 2020 को हाईकोर्ट ने राज्य सभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज करने फैसला सुनाया।
– 15 अगस्त 2021 को सीएम ने देवस्थानम बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति का अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी को बनाने की घोषणा की।
– 30 अक्तूबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति में चारधामों से नौ सदस्य नामित किए।
– 25 अक्तूबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने सरकार को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी
– 27 नवंबर 2021 को तीर्थ पुरोहितों ने बोर्ड भंग करने के विरोध में देहरादून में आक्रोश रैली निकाली।
– 28 नवंबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
– 29 अक्तूबर 2021 को मंत्रिमंडलीय उप समिति ने रिपोर्ट का परीक्षण कर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी।