उत्तराखंड

स्वयं सुरक्षा अभियान की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शहीद सैनिकों को

पंतनगर से मुकेश कुमार की रिपोर्ट : स्वयं सुरक्षा अभियान की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई । बैठक में सैनिकों के शहीद होने के उपरांत महामहिम राष्ट्रपति एवं भारतीय सेना के प्रमुख मंडल द्वारा समय-समय पर सम्मान दिए जाने के विषय में चर्चा हुई. अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष रजनीश पांडेय ने कहा कि भारतीय सैनिक हमेशा अपने प्राणों की बाजी लगाकर देश की रक्षा करते हैं जिनके त्याग एवं बलिदान के कारण ही हम सब अपने घरों में सुरक्षित रह रहे हैं।

हमारा देश सुरक्षित है किंतु सैनिकों के शहीद होने के उपरांत भारत के महामहिम राष्ट्रपति एवं भारतीय सेना के प्रमुख कमांडर द्वारा शहीद सैनिकों को सम्मानित करते समय शहीद सैनिक को मरणोपरांत शब्द का उच्चारण किया जाता है जबकि सैनिक के शहीद होने के उपरांत चाहे समाचार पत्र हो समाचार चैनल हो अथवा किसी भी राजनेता का संबोधन हो या किसी भी व्यक्ति के द्वारा शहीद हुए सैनिक के लिए देहांत, मृत्यु, मरने जैसे शब्दों का उच्चारण नहीं किया जाता है बल्कि शहीद अथवा सहित बलिदान शब्द का ही उच्चारण किया जाता है । मरते तो हम और आप हैं। सैनिक कभी नहीं मरता वह तो शहीद या बलिदान होता है।

बैठक में चर्चा के बाद स्वयं सुरक्षा अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष रजनीश पांडे ने महामहिम राष्ट्रपति प्रधानमंत्री गृह मंत्री एवं रक्षा मंत्री को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर एवं ट्वीट कर सुझाव दिया गया कि शहीद सैनिक को सम्मान की जाते समय मरणोपरांत के स्थान पर शहीदोंपरांत या बलिदानोपरांत शब्द का उच्चारण किया जाना चाहिए और सभी देशवासियों को इस विषय पर भी जागृत होना चाहिए और उन्हें भी सरकार से अनुरोध करना चाहिए।

बैठक में सूबेदार मेजर खड़क सिंह कार्की, डॉ. सलिल तिवारी, डॉ ए के उपाध्याय, डॉ मनोज गुप्ता, दीप नारायण यादव, डॉ क्रांति कुमार, प्रभाकर जोशी, जितेंद्र सिंह, तुमुल श्रीवास्तव, श्री गिरजा शंकर शुक्ला, शैलेन्द्र सिंह, शशिकांत मिश्रा एवं राहुल उपस्थित थे

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