उत्तराखंड

प्रतिदिन शासन-प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा लाखों रूपए

आखिर कब तक चलता रहेगा अवैध मिट्टी खनन का कार्य

हल्दूचौड़ से मुकेश कुमार की रिपोर्ट ।क्षेत्र के दर्जनों गांवों में लम्बे समय से चल रहे अवैध मिट्टी पर अंकुश लगाने हेतु पुलिस प्रशासन की कवायद सफल होती नहीं दिखायी दे रही है तू डाल डाल में पात पात के इस खेल में खनन करने वालों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि उनको शासन-प्रशासन की कार्रवाई का कोई डर नहीं है। मिट्टी खनन करने वालों का कहना है कि, पुलिस का कार्य कार्रवाई करने का है और हमारा कार्य अवैध खनन व परिवहन करना है।

इतना ही नही ग्रामीण संकरे लिंक मार्गों में नोसिखिये बगैर लाइसेंस व बिना नम्बर प्लेटों के फर्राटा भर रहे उक्त टैक्टर ट्रालियों से आये दिन दुर्घटनाओं का भी अंदेशा बना रहता है। पुलिस की नाक के नीचे इतना सब हो रहा है किंतु पुलिस प मूकदर्शक बनी हुई है।

हालांकि लोकप्रियता हासिल करने के लिए कभी कभार एक दो ट्रैक्टरों पर कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपाने वाली चौकी पुलिस जयपुर बीसा चैक पोस्ट से बेखोफ निकल रही अवैध मिट्टी खनन व परिवहन पर रोक लगाने में पूरी तरफ विफल नजर आ रही है या ये कहे कि पुलिस के संरक्षण में अवैध मिट्टी का कारोबार चल रहा है। क्योकि सूत्र कहते हैं कि, चौकी से लेकर थाने तक सभी ट्रैक्टरों की एंट्री बंधी हुई है। इसलिए पुलिस को इतने बड़े-बड़े ट्रैक्टर जो अवैध मिट्टी का परिवहन कर रहे हैं दिखाई नही दे रहे हैं। ताज्जुब की बात है कि,उक्त क्षेत्र में पुलिस नियमित गश्त में भी रहती है और सड़को से ट्रैक्टर फर्राटे भरते है लेकिन पुलिस देखकर भी अनजान बन जाती है।

हैरतअंगेज पहलू यह है कि पुलिस के आलाधिकारी जब भी अवैध मिट्टी कारोबारियो पर कार्यवाही के सोचते हैं उससे पहले माफियाओ तक खबर पहुंच जाती है कि कार्यवाही होने की संभावना है। ऐसे में आप खुद सोच सकते हैं कि घर का भेदी लंका ढाये वाला हाल रहेगा तो अवैध मिट्टी कारोबारियों पर शिकंजा कैसे कसा जा सकता है। सूत्र यह भी कहते हैं कि यहां बेतरतीब हो रहे अवैध मिट्टी खनन की जानकारी कोतवाली पुलिस चौकी पुलिस को भी है, लेकिन आज तक अवैध कारोबार पर अंकुश नही लग सका।
*कृषि कार्य हेतु अनुदान में क्रय किये ट्रैक्टरों को नहीं भा रही है खेती कर रहे है अवैध खनन।*

अनुदान में क्रय किये गए ट्रैक्टर का प्रयोग केवल कृषि कार्य में ही किया जाना है। इसलिए इसका टैक्स भी कम है। बात करे मोटर अधिनियम की तो टैक्टर को केवल कृषि कार्य की ही इजाजत देता है मोटर अधिनियम किन्तु यदि कोई ब्यक्ति अपने टैक्टर से ब्यवसायिक कार्य करना चाहे तो उसके लिए उसे निर्धारित शुल्क भुगतान कर अपनी ट्राली का ब्यवसायिक पंजीकरण कराना होता है। लेकिन यहां दर्जनों ट्रैक्टर बिना किसी भय के बिना प्रपत्रों के अवैध खनन कारोबार में लगे है।कृषि की फसलें छोड़कर शहरों में मिट्टी ढोकर मोटी कमाई की फसल काट रहे हैं। तमाम पुलिस चौकियों से होकर गुजरने वाले इन ट्रैक्टरों की कभी जांच नहीं होती जो मूल कार्य को छोड़कर अन्य कार्य में जुटे हुए हैं। जबकि नियम कहता है कि इन ट्रैक्टरों की हमेशा जांच होनी चाहिए।

भावर के उपजाऊ खतों से हो रहा अवैध मिट्टी परिवहन पुलिस प्रशासन के लिए बना चुनौती।

आपको बता दे कि, इस समय भावर के दर्जनों गांवों में अवैध मिट्टी का कारोबार माफियाओ के लिए चांदी बना हुआ है।मिट्टी का खेल जोरो पर है ताज्जुब की बात है कोतवाली लालकुआं के हल्दूचौड़ चौकी अंर्तगत रामपुर रोड के लिंक मार्ग पर जयपुर बीसा में पुलिस चैक पोस्ट भी बनाया गया है.

बावजूद इसके दर्जनों टैक्टर यहां से बेखोफ परिवहन करते दिखते है चौकी पुलिस भी इस कारोबार पर अंकुश नही लगा पा रही हैं। कभी कभार गस्त कर पुलिस खानापूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ लेती है। लेकिन हकीकत तो यह है कि जयपुर बीसा होते हुए रोजाना दर्जन भर टैक्टर अवैध मिट्टी खनन व परिवहन कर रहे हैं। अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन कब तक अवैध मिट्टी कारोबारियो पर अंकुश लगा पाता है ।

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