
नई दिल्ली: आज सुबह पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया. कहा, मैं देश वासियों के क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से कहना चाहता हूं कि हमारे प्रयास में कमी रही होगी कि हम उन्हें समझा नहीं पाये. आज मैं आपको यह बताने आया हूं, कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है.
पीएम ने कहा कि इस माह के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे. मेरी किसानों से अपील है कि अपने घर लौटें, खेतों में लौटें. हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्ज्वल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आयी थी.
कंगना रनौत ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिये जाने के फैसले पर नाराजगी दिखाई है. कंगना ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, दुखद, शर्मनाक और सरासर गलत… अगर संसद में बैठी सरकार के बजाय गलियों में बैठे लोग कानून बनाना शुरू कर दें तो यह भी एक जिहादी देश है… उन सभी को बधाई जो ऐसा चाहते हैं. बता दें कि कंगना रनौत ट्वीटर पर बैन है. कृषि कानूनों की वापसी को दुखद और शर्मनाक बताते हुए कंगना रनौत ने कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला पूरी तरह से अनुचित है.
पीएम के इस फैसले से कंगना रनौत खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा, ” याद करें कि कृषि बिल के समर्थन में कंगना ने कथित रूप से किसानों को आतंकी तक कह दिया था. उन्होंने लिखा था, प्रधानमंत्री जी कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जिसे गलतफहमी हो उसे समझाया जा सकता है मगर जो सोने की ऐक्टिंग करे, नासमझने की एक्टिंग करे उसे आपके समझाने से क्या फर्क पड़ेगा? ये वही आतंकी हैं CAA से एक भी इंसान की सिटिज़ेन्शिप नहीं गयी मगर इन्होंने खून की नदियां बहा दी.
हालांकि इस बयान के बाद कंगना की काफी आलोचना हुई थी. कंगना के इस ट्वीट के बाद #Arrest_Castiest_Kangna समेत अलग-अलग हैशटैग ट्रेंड करने लगे और उसमें कंगना को गिरफ़्तार करने की मांग उठने लगी थी. कंगना के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 44, 108, 153, 153 A और 504 के तहत दर्ज किया गया था.