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दून विश्वविद्यालय में हंगामा: छात्रों और प्रोफेसर के बीच हाथापाई

देहरादून: दून विश्वविद्यालय में छात्रों का आंदोलन पिछले कुछ दिनों से जारी है. यह आंदोलन ऐसी कुछ मांगों को लेकर है, जो दून विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है. आज आंदोलनरत छात्रों और शिक्षकों के बीच हाथापाई की खबरें सामने आई. जिसके कुछ वीडियो भी सामने आये हैं.

दून विश्वविद्यालय में छात्रों का आंदोलन विश्वविद्यालय के लिए मुश्किलें बढ़ाता जा रहा है. दरअसल, दून विश्वविद्यालय में कुछ छात्र विश्वविद्यालय में लिए गए निर्णय पर बड़े सवाल खड़े कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय में बिना टेंडर के ही मेस किसी नए ठेकेदार को दे दी गई. यही नहीं विश्वविद्यालय में नियुक्तियों पर भी धांधली के आरोप छात्रों की तरफ से लगाए गए हैं.

इन मामलों को लेकर विश्वविद्यालय के एडमिन कार्यालय के बाहर छात्र दिन-रात आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज मामला तब और भी गरम हो गया जब इस आंदोलन स्थल पर एक छात्र के हाथ से विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने मोबाइल छीन लिया. जिसका वीडियो भी सामने आया. इसके बाद इस जगह पर शिक्षक और छात्रों में धक्का-मुक्की हुई. इस मामले में छात्रों का कहना है जब तक इन कथित धांधलियों की जांच के आदेश नहीं होते अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

दून विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा कि छात्रों द्वारा उन्हें एक बार भी कोई भी लिखित ज्ञापन या शिकायत नहीं दी गई है. यह छात्रों और मेस में काम करने वाली महिलाओं के बीच का मामला है. उनकी तरफ से ही चीफ प्रॉक्टर को बातचीत के लिए छात्रों के पास भेजा गया था. इस दौरान कुछ मोबाइल छीने जाने और छात्रों की तरफ से शिक्षक के खिलाफ गलत बातें किए जाने का वीडियो सामने आया है. उन्होंने कहा इस मामले में वे अनुशासनात्मक रूप से कड़े कदम उठाएंगी.

छात्र परिषद के पूर्व अध्यक्ष सतेंद्र सिंह चौहान ने बायपास चौकी में तहरीर दी है। सतेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि विवि प्रशासन लगातार छात्रों को धमका रहा है। आज यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर सुरेन्द्र बलवंत सिंह ने पूर्व अध्यक्ष के हाथ से मोबाइल फोन छीन कर फेंक दिया। क्योंकि, छात्र वीडियो बना रहे थे। उन्होंने छात्रों साथ हाथापाई की भी कोशिश की। इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई और उनसे कारवाई की मांग की गई है।

उन्होंने कहा कि छात्रों की मेस और कैंटीन ठीक से नहीं चल रही है। कुछ बुनियादी जरूरतें जैसे मैस में उचित भोजन, स्वच्छता, उचित नियम, समय पर कक्षाएं और परीक्षाएं आदि को लेकर कुछ छोटी-छोटी मांगें हैं। लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन इनका समाधान नहीं कर रहा है। अब कालेज प्रशासन छात्रों को पुलिस की धमकी दे रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय अपने ही एकाधिकार में व्यस्त है। अपने लोगों को संकाय में भर्ती किया जा रहा है, जो पात्र भी नहीं हैं। नियमों की अनदेखी करते हुए मेस और कैंटीन का संचालन भी अपने लोगों से करवाया जा रहा है।

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