
देहरादून से सुभानी की रिपोर्ट :
नोटबंदी के 5 साल
नोटबंदी के 5 सवाल
भ्रष्टाचार क्यों नहीं मिटा?
कालाधन क्यों नहीं आया?
आतंकवाद क्यों नहीं मिटा?
नकली नोट क्यों बंद नहीं हुए?
इकनॉमी में कैश क्यों बढ़ गया?
आम जनता और इकनॉमी की कमर तोड़ने वाले नोटबंदी के फैसले को 5 साल हो गए हैं। इस मौके को विपक्ष द्वारा देश भर में काला दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है।
संजय कनौजिया (कद्दू भाई) महानगर उपाध्यक्ष, देहरादून कांग्रेस ने नोटबंदी के 5 साल पर भाजपा से 5 सवाल पूछे हैं। संजय कनौजिया ने सवाल उठाया कि नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार मिटने का दावा किया गया था। आज भ्रष्टाचार क्यों नहीं मिटा? नोटबंदी से कालाधन वापस आने का दावा किया गया था लेकिन 99 फीसदी से ज्यादा बंद हुए नोट तो वापस बैंकों में जमा हो गए। तो क्या कथित काला धन सफेद हो गया? जिस कालेधन के लिए पूरे देश को लाइनों में खड़ा कर दिया। कारोबार और कामधंधों कि कमर तोड़ दी, उससे कितना कालाधन वापस आया?
नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए संजय कनौजिया ने कहा कि नोटबंदी से आतंकवाद की कमर तोड़ने का दावा किया गया था। लेकिन आये दिन हमारे सैनिक शहीद हो रहे हैं? इसका जवाब कौन देगा? नोटबंदी से नकली करंसी पर लगाम कसने के दावा किया गया था, लेकिन यह दावा भी फर्जी निकला। इकॉनमी को कैशलेस करने की बात कहीं गई, पेटीएम जैसी कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया, लेकिन अर्थव्यवस्था नकदी बढ़ती जा रही है। कैशलेस इकॉनमी के दावे भी हवाई साबित हुए।
संजय कनोजिया का कहना है कि नोटबंदी से व्यापार को जो नुकसान हुआ, आम जनता को जो तकलीफे हुई उसके लिए भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए। असल में नोटबंदी एक बड़ा घोटाला है, जिसकी जांच भविष्य में आने वाली सरकारें करेंगी। तभी इसका सच देश के सामने आएगा। कांग्रेस नेतृत्व और कार्यकर्ताओं में पुरजोर तरीके से भाजपा की ऐसी जनविरोधी नीतियों का विरोध किया है।