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राजनीति: इस्तीफा वापस लेते ही सिद्धू का अटैक! सरकार को दी चेतावनी

ब्यूरो रिपोर्ट पंजाब: नवजोत सिद्धू ने शुक्रवार को पंजाब कांग्रेस के प्रधान पद से इस्तीफा वापस लेते ही चन्नी सरकार पर सीधा हमला कर दिया। सिद्धू ने कहा कि यह 90 दिन की सरकार है। पंजाब के ड्रग्स और बेअदबी के दो बड़े मुद्दे पर इस सरकार ने 50 दिन में क्या किया। नशे की रिपोर्ट खोलने और बेअदबी में इंसाफ की दिशा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

सिद्धू ने सीधा मोर्चा खोलते हुए कहा कि जब तक DGP और एडवोकेट जनरल (AG) को नहीं हटाया जाता, वो कांग्रेस भवन अपने ऑफिस में नहीं जाएंगे। सिद्धू ने कहा कि यह पार्टी और कार्यकर्ताओं की इज्जत का सवाल है। सिद्धू ने यहां तक कहा कि जो मेरा-मेरा करते थे, उन्हें पलटा दिया। अगर कोई ज्यादा सयाना बनेगा तो उसे भी इसका हश्र पता चल जाएगा।

दरअसल उनका निशाना डीजीपी और एजी मुद्दे पर अड़ी चन्नी सरकार पर था कि अगले चुनाव में उनको भी नुकसान होगा। कुछ दिन पहले पंजाब इंचार्ज हरीश चौधरी सिद्धू और सीएम चन्नी को केदारनाथ धाम ले गए थे लेकिन उसके बाद भी सिद्धू सार्वजनिक हमले करने से नहीं चूक रहे।

सिद्धू ने कहा कि बरगाड़ी बेअदबी केस में 2015 में FIR दर्ज हुई। यह केस तब डीजीपी रहे सुमेध सैनी ने दर्ज कराया। सैनी बेअदबी के प्रमुख आरोपी हैं। फिर अपने पसंदीदा अफसर इकबालप्रीत सहोता को एसआईटी का हैड बनाया। फिर सहोता ने सुखबीर बादल के साथ बैठकर उन्हें क्लीन चिट दे दी। आज चन्नी सरकार ने उसे ही डीजीपी लगा दिया। सिद्धू ने पूछा कि सुरक्षा कवच पहनाने वाले आज कार्रवाई कैसे करेंगे?।

सिद्धू ने कहा कि एडवोकेट एपीएस देयोल को सरकार ने एडवोकेट जनरल बना दिया। एडवोकेट देयोल ने पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी को ब्लैंकेट बेल दिलाई। कोर्ट में खड़े होकर एडवोकेट देयोल ने कहा कि पंजाब सरकार झूठ बोल रही है। पंजाब सरकार भरोसे योग्य नहीं है। यह केस सीबीआई को दे दो। फिर वो शख्स एडवोकेट जनरल कैसे बन गए। आज कहा जा रहा है कि पंजाब का डीजीपी और एजी बादलों ने लगाया। सिद्धू के दबाव में देयोल इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन सिद्धू नया एजी आने तक जिद पर अड़े हुए हैं।

नवजोत सिद्धू ने इशारों में साफ कर दिया कि जब तक डीजीपी और AG नहीं हटते, पंजाब में पार्टी का प्रचार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद ही वर्कर स्टार प्रचारक बनकर उतरेंगे। हमने अफसर भेद खोलने के लिए लगाए हैं या पर्दे डालने के लिए। 12 हजार गांवों में जाकर कांग्रेस वर्कर लोगों को क्या जवाब देंगे।

सिद्धू ने कहा कि नशा तस्करी को लेकर एसटीएफ रिपोर्ट कोर्ट में बंद पड़ी है। हाईकोर्ट का कोई ऐसा आदेश नहीं कि पंजाब सरकार इसे सार्वजनिक नहीं कर सकती। सिद्धू ने कहा कि सरकार विधानसभा में रिपोर्ट सार्वजनिक करे। सिद्धू ने कहा कि अगर सरकार में हिम्मत नहीं तो पार्टी को वो रिपोर्ट दे दें, मैं उसे सार्वजनिक कर दूंगा।

सिद्धू ने कहा कि डीजीपी और एजी के मुद्दे को उन्होंने बार-बार सीएम चरणजीत चन्नी के सामने उठाया। मैं एक महीने से उनसे बात कर रहा हूं। मुझे कहा कि पैनल बना एक हफ्ते में डीजीपी को हटाएंगे। 2 पैनल UPSC से वापस आ चुके हैं। सीएम कल-परसों कहकर टाल रहे हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के बारे में अमर्यादित टिप्पणी पर सिद्धू ने कहा कि सिर्फ मेरे लिए ही मर्यादा है। 80 साल के बुजुर्ग (अमरिंदर) के लिए कोई मर्यादा नहीं। मैं करतारपुर कॉरिडोर खुलवाने गया तो मुझे क्या कहा?। मैं बार-बार पार्टी के संदेश कैप्टन के सीएम रहते उनके पास लेकर गया लेकिन उन्होंने नहीं माना। इसलिए बेअदबी और नशे की वजह से कुर्सी पलट गई। पूर्व डीजीपी सैनी के घर वो डंडे मारकर आ गए।

पंजाब के अगले चुनाव में CM चेहरे पर सिद्धू ने कहा कि यह कोई पार्टी नहीं बल्कि पंजाब के लोग और कार्यकर्ता तय करेंगे। सिद्धू ने इतना जरूर कहा कि अगर उन्हें सीएम पद की लालसा होती तो पार्टी प्रधान के पद से इस्तीफा नहीं देते।

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