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बड़ी ख़बर: BJP को पूर्व CM हरीश रावत ने दी चेतावनी

देहरादून. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ दो बड़े हमले बोलते हुए कहा कि एक तो भाजपा की राज्य और केंद्र सरकार उन्हें सीबीआई के ज़रिये जेल में डालने की कोशिश कर रही है।। वहीं, उन्होंने हाल में घसियारी कल्याण योजना के शुभारंभ के लिए उत्तराखंड दौरे पर आए अमित शाह के बयान पर आपत्ति दर्ज करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री को चुनौती दे डाली है कि वह जो आरोप कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार पर लगाकर गए, उसे साबित करके दिखाएं। यह चुनौती रावत ने उस बयान पर दी, जिसमें शाह ने कहा था कि कांग्रेस सरकार में मुस्लिमों को नमाज़ करने के लिए हाईवे रोक दिया जाता था।

स्टिंग मामले पर हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट लिखते हुए कहा कि अमित शाह उन्हें चुनौती के अंदाज़ में एक धमकी देकर गए हैं। ‘सीबीआई के ज़रिये मुझे तोड़ने की कोशिश की जा रही है, हो सकता है मुझे जेल में डाल दिया जाए। लेकिन मेरा न्याय उत्तराखंड की जनता और भगवान केदार करेंगे।’ इसके आगे रावत ने कहा कि शाह मेरा और भाजपा सरकार दोनों का स्टिंग सामने रखें और जनता को तय करने दें कि भ्रष्टाचार कहां हुआ। शाह के बयानों हरीश रावत ने भाजपा का अहंकार करार दिया। इधर, बीजेपी ने स्टिंग का जिन्न बोतल से बाहर निकालने की बात करते हुए कहा कि रावत खुद इस मामले को तूल देना चाह रहे हैं।

अमित शाह ने 30 अक्टूबर को उत्तराखंड दौरे पर कहा था कि कांग्रेस की सरकार में शुक्रवार की नमाज़ के लिए हाईवे रोक दिए जाते थे। यही नहीं, कांग्रेस नमाज़ के बाद अवकाश भी घोषित करती थी। रावत ने अब चुनौती पेश करते हुए कहा है कि शाह अपने इस बयान के पीछे कोई सबूत पेश करें। ‘भाजपा की सरकार उत्तराखंड और केंद्र में है, कहीं से वो कागज खोजकर ला दें, जिसमें मैंने हाईवे पर नमाज़ के आदेश दिए हों।’

रावत ने इस बयान को लेकर भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘भाजपा उत्तराखंड में तीन नाकाम मुख्यमंत्री दे चुकी है और अब उसके पास कहने के लिए कुछ नहीं है।’ खबरों की मानें तो रावत के अलावा उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भी अमित शाह के बयान को चुनौती दी। ‘उनके पास कोई मुद्दा है नहीं, जिस पर बात कर सकें इसलिए हिंदू मुस्लिम ध्रुवीकरण की राजनीति की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब यह चाल नहीं चलेगी क्योंकि लोग इस चालाकी को समझ चुके हैं।’

वहीं, इस मामले में बीजेपी विधायक खजानदास का कहना है कि भाजपा इस तरह की राजनीति नहीं करती। खजानदास ने कहा, ‘हरीश रावत खुद के प्रचार के लिए इस मुद्दे को तूल दे रहे हैं. बीजेपी ऐसा कुछ नहीं चाहती लेकिन अगर कोई दोषी होगा तो सरकार कार्रवाई ज़रूर करवाएगी।’

वहीं कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने पर तत्काल कार्यवाही करें। प्रदेश सरकार तत्काल विधानसभा का सत्र बुलाकर इस ऐक्ट को निरस्त करे। यदि ऐसा नहीं होता तो भाजपा केा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे हालांकि रावत ने बीते रोज केदारनाथ धाम में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के विरोध पर असहमति जताई। रावत ने भाजपा को यह भी चेतावनी दी है कि यदि अब उसने कांग्रेस से छेड़छाड़ की तो कांग्रेस भाजपा का पूरा स्वरूप ही बदल देगी।

मीडिया से बातचीत में रावत ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड भाजपा सरकार द्ववारा जनता पर थोपी गई व्यवस्था है। भाजपा को चाहिए कि तत्काल विधानसभा का सत्र बुलाकर इसे निरस्त करे। यदि भाजपा सरकार ऐसा नहीं करती तो सत्ता में आने पर कांग्रेस सबसे पहला काम इस बोर्ड-एक्ट को खत्म करने का ही करेगी।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के विरोध पर रावत टिप्पणी करने से बचे। कहा कि भगवान केदारनाथ सभी को माफ करने वाले देवता है। वहां तो क्षमा किया जाना चाहिए था। रावत ने दलबदल पर भाजपा को चेताते हुए कि वो कांग्रेस को छेड़ने की हिम्मत न करे। यदि उसने छेड़छाड़ करने की कोशिश की तो भारी खामियाजा भुगताना पड़ेगा।

भाजपा से इतने लोग कांग्रेस में आने को तैयार हैं कि भाजपा का स्वरूप ही बदल जाएगा। बागी नेता जरूरी हुआ तो हाईकमान से रियायत मांगेगे। कांग्रेस हाईकमान के अब बागियों को पार्टी में न लेने के फैसले पर रावत ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति राज्य और पार्टी हित में उपयोगी होगा तो विचार किया जाएगा। उसके लिए हाईकमान से भी रियायत मांगी जाएगी।

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