मुख्यमंत्री धामी की धमाकेदार परफॉर्मेंस! विपक्ष के विधायकों ने दिल खोलकर की सराहना

उत्तराखंड मुख्यमंत्री धामी की धमाकेदार परफॉर्मेंस! विपक्ष के विधायकों ने दिल खोलकर की सराहना
देहरादून: उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है जहां, उत्तराखंड में विधानसभा सत्र संपन्न हो गया है। उत्तराखण्ड विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए धमाकेदार रहा। उत्तराखंड में पहली बार ऐसा हुआ जो कि विधानसभा 7 जून शांति पूर्वक संपन्न हुआ है। विधानसभा सत्र इस बार प्रदेश और जनहित के मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के मध्य स्वास्थ्य चर्चा भी की गई।
आपको बता दें कि विधानसभा सत्र में इस बार 8 विधेयक पारित हुए हैं जिसमें से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के व्यक्तिगत प्रयासों की वजह से सदन में सौहार्दपूर्ण माहौल दिखा। जिसे स्वस्थ लोकतंत्र का आधार माना जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बाद धामी एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो विधानसभा में नेता सदन की भूमिका में भी सफल साबित हुए। कई फैसलों को लेकर विपक्ष भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मुरीद हो गया। सदन के अंदर और बाहर विपक्ष के विधायकों ने मुख्यमंत्री की दिल खोलकर सराहना की।
उत्तराखण्ड विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र में शुरुआत से अन्त तक मुख्यमंत्री ने जमकर बैटिंग की। उन्होंने न सिर्फ विपक्ष के हर वार को नाकाम किया बल्कि ऑन स्पॉट कई लोकप्रिय फैसले किए। भविष्य के तय रोड मैप को धरातल पर उतारने के लिए 5762 करोड़ का अनुपूरक बजट भी पारित करवाया।
विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र मुख्यमंत्री धामी का बतौर मुख्यमंत्री पहला सत्र था। चूंकि 18 मार्च 2022 से पहले राज्य में नई सरकार का गठन होना है, लिहाजा यह मौजूदा सरकार का अंतिम सत्र भी माना जा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री धामी पर सत्र के दौरान अपनी परफॉर्मेंस को लेकर काफी दवाब था, लेकिन उन्होंने दृढ़ इच्छाशक्ति और कार्य संस्कृति के बूते इस चुनौती को अवसर में बदल दिया।
गौर हो कि नेता सदन की भूमिका का धामी ने बड़े सलीके से निर्वहन किया। एक नहीं दो बार उन्होंने विपक्ष के उन सदस्यों को मना लिया जो कुछ मुद्दों को लेकर सरकार से नाराज थे। मझे हुए नेता का परिचय देते हुए धामी खुद रूठे विधायकों के पास पहुंचे और उनकी समस्याओं के समाधान की उन्होंने प्रभावी पहल की।
हालांकि सदन में ऐसे नजारे नारायण दत्त तिवारी की सरकार में दिखाई देते थे। इसे मुख्यमंत्री का ही फ्लोर मैनेजमेंट माना जायेगा कि इस सत्र में पांचों दिन प्रश्नकाल शांतिपूर्वक चला और सरकार ने विपक्ष के सभी तारांकित प्रश्नों का जवाब दिया। बिजनेस के मामले में भी सरकार मैदान मार गई।