बांग्लादेश की घटना से लेकर उत्तराखंड की पहचान तक: ललित काण्डपाल ने उठाए गंभीर सवाल

रिपोर्टर गौरव गुप्ता
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी ललित काण्डपाल ने एक प्रेस वार्ता में बांग्लादेश में एक युवक दीपू दास की मॉमलीचिंग पर गहरा दुख व चिंता प्रकट की उन्होंने 1947 में देश विभाजन पर भी सवाल उठाए उन्होंने कहा जब मजहब धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ तब समस्त हिंदुओं को पाकिस्तान से भारत क्यों नहीं लाया गया क्यों भारत में मुसलमान को रोका गया इनको पाकिस्तान क्यों नहीं भेजा गया जिस समस्या के लिए देश का विभाजन हुआ वह समस्या आज भी वैसी ही बनी हुई हैं।
जहां पर भी मुसलमान की संख्या ज्यादा हुई है वहां पर संविधान कानून लोकतंत्र समाप्त हो जाता है भाईचारे के नाम पर हिंदुओं को केवल चारा बनाया गया है इस सब का कारण देश में वह राजनीतिक लोग हैं जो अपने आप को कथित सेकुलर कहते हैं।
बांग्लादेश जैसे हालात जल्द ही उत्तराखंड के अंदर भी होने के आसार हैं राज्य बनने के बाद बहुत तेजी से उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदली है सरकार को तेजी से बदलती डेमोग्राफी की जांच करनी चाहिए यह एक साजिश है मूल निवास के मुद्दे पर भी सरकार खामोश है मूल निवास प्रमाण पत्र की कट ऑफ डेट क्या होनी चाहिए इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए जल जंगल जमीन पर उत्तराखंड के लोगों का अधिकार सुनिश्चित हो उत्तराखंड के लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है।
उत्तराखंड राज्य पहाड़ की परिस्थितियों के कारण बनाया गया लेकिन पहाड़ की समस्या आज भी पहाड़ जैसी बनी हुई है लगातार पहाड़ से पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है जंगली जानवरों का आतंक पहाड़ में लगातार बढ़ते जा रहा है लोग घरों के अंदर भी अब सुरक्षित नहीं है पहाड़ में रह रहे लोगों को सरकार अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करें पहाड़ में जहां खेती आजीविका की साधन थी आज खेती पूरी तरह से समाप्त हो गई है मेहनतकश काश्तकार जंगली जानवरों से इतने परेशान हैं।
उन्होंने खेती करना ही छोड़ दिया है अगर जनसंख्या के आधार पर ही उत्तराखंड में परिसीमन होता है तो पहाड़ की कई विधानसभा सीट कम हो जाएंगे उत्तराखंड राज्य का मूल उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा इस स्थिति से बचने के लिए सरकार को संवैधानिक संशोधन करना पड़ेगा उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों को संरक्षण देने के उद्देश्य से इन भूभाग में रहने वाले लोगों को पांचवी अनुसूची में रखना चाहिए इसके लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित होना चाहिए जो भी कानूनी संवैधानिक प्रिक्रिया सरकार उसे पूरा करें मतदाताओं का विशेष गहन पुनः निरीक्षण (SIR) सरकार की ओर से बहुत अच्छा काम है उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में तेजी से बदलती डेमोग्राफी को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
लेकिन उन्हें और कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है सरकार का कार्य संतोषजनक है । बेरोजगारी पलायन जनसांख्यिकीय के विषयों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है पर्वती आंचल में रहने वाले लोगों के लिए आर्थिक सहायता विशेष पैकेज की आवश्यकता है सरकारी पोस्टों में पहाड़ में रहने वाले लोगों को अधिक से अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए जिलों के आधार पर रिक्तियां भरी जानी चाहिए पहाड़ी जिलों को भौगोलिक आधार पर सीट आवंटित करनी चाहिए ताकि पहाड़ से पलायन को रोका जा सके 25 साल बीतने के बाद भी उत्तर प्रदेश के साथ संपत्तियों का बंटवारा नहीं हो पाया यह चिंता का विषय है उत्तराखंड के अंदर जो भी संपत्तियां हैं।
उनमें केवल और केवल उत्तराखंड का अधिकार होना चाहिए स्थाई राजधानी का समाधान सरकार सुनिश्चित करें गैरसैंण से जन भावनाएं जुड़ी हुई है उसका सम्मान करना चाहिए वहां पर इस प्रकार की व्यवस्था बनाने की आवश्यकता है जो एक पूर्ण राजधानी का रूप ले सके इस पर सरकार क्या कार्य कर रही है सरकार को स्पष्ट करना चाहिए उधम सिंह नगर हरिद्वार को विश्वास में लेकर मूल निवास प्रमाण पत्र की कट ऑफ डेट जारी करनी चाहिए ।



