राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर डॉ० डी० सी० पसबोला को मिला चैम्पियन्स: हेल्थकेयर हीरोज अवार्ड 2025

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर डॉ० डी० सी० पसबोला को मिला चैम्पियन्स: हेल्थकेयर हीरोज अवार्ड 2025
भारत गुड टाईम्स न्यूज एवं प्रेस नेटवर्क द्वारा दिया गया सम्मान।
देहरादून: 01 जुलाई 2025, मंगलवार।
भारत गुड टाईम्स न्यूज एवं प्रेस नेटवर्क द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर डॉ० डी० सी० पसबोला को इस वर्ष का चैम्पियन्स: हेल्थकेयर हीरोज अवार्ड 2025 प्रदान किया गया है।
डॉ० पसबोला ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 1 जुलाई, 2025 को मनाया जा रहा है। यह डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए एक वार्षिक कार्यक्रम है। यह दिन प्रसिद्ध चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की जयंती और पुण्यतिथि का भी स्मरण करता है।
यहाँ एक विस्तृत विवरण दिया गया है:
1 जुलाई
महत्व: डॉक्टरों के समर्पण और सेवा को स्वीकार करता है और उनकी सराहना करता है।
ऐतिहासिक संदर्भ: भारतीय चिकित्सा और राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति डॉ. बिधान चंद्र रॉय को सम्मानित करता है।
2025 थीम: “मुखौटे के पीछे (Behind the Mask): कौन चिकित्सकों को ठीक करता है? (Who Heals the Healers?)” यह थीम डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर जोर देती है।
यह थीम स्वास्थ्य सेवा में काम करने वाले लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करती है। यह दर्शाता है कि डॉक्टर भी इंसान हैं और उन्हें भी भावनात्मक और शारीरिक समर्थन की आवश्यकता होती है।
राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाने का उद्देश्य डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों के निस्वार्थ समर्पण और समाज के प्रति उनकी अमूल्य सेवाओं को मान्यता देना है।
यह दिन चिकित्सा बिरादरी के सदस्यों को एक साथ आने, एक-दूसरे का समर्थन करने और स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए मिलकर काम करने का अवसर प्रदान करता है।
डॉ० पसबोला की इस उपलब्धि पर सभी शुभचिंतकों द्वारा शुभकामनाएं प्रदान की जा रही हैं।
नोट:-
डॉ० डी० सी० पसबोला आयुष विभाग उत्तराखंड के अन्तर्गत जिला देहरादून में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में चिकित्सा अधिकारी (मेडिकल आफिसर) एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें 21 वर्षों का आयुर्वेद चिकित्सा का अनुभव तो है ही, साथ ही इतने ही वर्षों का योग, प्राणायाम एवं ध्यान का भी अनुभव प्राप्त है। इस प्रकार से उनके द्वारा आयुर्वेद एवं योग के द्वारा स्वस्थ के स्वास्थ्य की रक्षा एवं रोगियों के रोगों में प्रभावी चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है।