हरिनगर को मिले भूमिधरी अधिकार: ग्रामीणों ने सरकार से एक स्वर में की माँग, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

रिपोर्टर गौरव गुप्ता।
नैनीताल- कोटाबाग विकासखंड के ग्राम बदनधूरा हरिनगर को मिले भूमिधरी अधिकार व मालिकाना हक ।एक स्वर में ग्रामीणों ने सरकार से की माँग ।बैठक कर भेजा मुख्यमंत्री को ज्ञापन ।
मालिकाना हक संघर्ष समिति नैनीताल के अध्यक्ष एस लाल ने की गांव जाकर लोगों को जागरुक करने की बैठक कहा आज़ादी से पहले बसे गांव को आज भी सरकरौ ने भूमि धरी अधिकार व मालिकाना हक़ नही दिया गया है ।भले ही वे गुज़र बसर कर रहे हैं लेकिन गांव के लोग आज भी ज़मीन के मालिक नही है ।सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नही मिल रहा है ।बैंक से ऋण बच्चों के प्रमाण पत्र,किसान सम्मान निधि तक हरिनगर गांव के वासिन्दो को नही मिल पा रही है । वही अनुसूचित जाति के तथा अन्य समान्य वर्ग के गरीब भूमिहीन परिवार बेनाप वन पंचायत एवं गोचर पनघट की भूमि मे काबिज 50-60 वर्षो से परदेश मे रहते चले आ रहे है उन्हे भी मालिकाना हक नही दिया गया है
बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व दर्जा राज्यमंत्री पीसी गोरखा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य को अस्तित्व में आए पच्चीस साल हो गये इससे पूर्व यह प्रदेश 1950 में संयुक्त
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण यहां की भौगोलिक स्थिति भिन्न होने के कारण यहां की सामाजिक आर्थिक राजनीतिक व धार्मिक परिस्थितियाँ भिन्न हैं।पर्वतीय क्षेत्र में बसने वाले मूल निवासी शिल्पकार है जो अधिकांश आज भी भूमिहीन हैं ये लोग या तो वन ग्रामों में बसे हैं या फिर कुछ लोग हरिनगर गांवों में जो 1920 में मुन्शी हरि प्रसाद टम्टा जी के प्रयासों से बसाये गये थे आश्चर्य की बात है कि इन ग्रामों में बसे इन लोगों को आजतक मालिकाना हक व भूमिधरी अधिकार नहीं मिला है।आज भी सरकार की योजनाओं से ये वंचित हैं।राजनीति की बात करें तोकिसी भी सरकार ने हरिनगर गांव को मालिकाना हक दिलाने की तरफ कोई कदम नही उठाया ।
बदन धूरा कोल्टानी हरिनगर गांव के विरोध के बावजूद भी सरकार ने जबरन गांव के पट्टे वाली ज़मीन को नियम विरुद्ध बन पंचायत में डाल दिया जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया देहरादून से राजस्व विभाग की टीम ने 2006 में गांव का दौरा किया और गांव को क़ाबिज़ मानते हुए दस हेक्टेयर भूमि को वापस कास्तकारो को बापिस करने की मौक़े पर संस्तुति की गयी ।किन्तु अभिलेखों में आज भी पट्टे वाली भूमि पर लाला स्याही लगी हुई है ।ग्रामीणों में भारी आक्रोश है ।
बैठक में नारायण राम रमेश चंद्र ललित कुमार कैलाश आर्य पीताम्बर गणेश आर्य ख्याली राम गोपाल राम तिलोक चंद देवेन्द्र कुमार दानीराम कमल राम दयाल दिनेश चन्द्र मोहन चन्द्र प्रधान बचीराम शेरराम बहादुर राम कृष्ण चन्द्र नरेंद्र राम तिलोक राम रामलाल चनीराम आदि मौजूद रहे ।