महाविद्यालय संस्थागत एवं तकनीकी सपोर्ट उपलब्ध करायेगा- डॉ. सोनी तिलारा

महाविद्यालय संस्थागत एवं तकनीकी सपोर्ट उपलब्ध करायेगा- डॉ0 सोनी तिलारा
रिपोर्ट विनोद गंगोटी।
उत्तराखंड।
धर्मानन्द उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेन्द्रनगर में चल रहे 12-दिवसीय देवभूमि उद्यमिता योजना प्रशिक्षण कार्यक्रम के पॉचवे दिन विषय विशेषज्ञ एवं रिसोर्स पर्सन डॉ0 सोनी तिलारा ने छात्रों को प्रशिक्षित करते हुए कहा कि पोषण आधारित उद्यम स्वस्थ, सुलभ और पर्यावरण अनुकूल खाद्य प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करके सतत् व्यवसाय में लाभकारी हैं, जो सामुदायिक विकास एवं प्रकृति पोषण हेतु फायदेमंद हैं। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्य 12 के अनुरूप मिलेट-आधारित उत्पाद देवभूमि के सत्त विकास एवं आजीविका की अवधारणा में योगदान करते हैं।
डॉ0 सोनी तिलारा ने बताया कि पोषण आधारित व्यवसाय स्थिरता को बढ़ावा दे सकते हैं जिसमें टिकाऊ खाद्य प्रणालियाँ, स्वस्थ और पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे बाजरा, मंडुआ, कोणी, झंगोरा, कुटकी, मक्का इत्यादि मोटे अनाजों की श्रंखला में पोषण एवं स्वस्थ जीवन शैली हेतु अनुकुल हैं। नवदान्या आर्गेनिक फार्मिंग एवं दुग्ध व्यवसाय में ऑचल मिल्क एवं डेयरी उत्पाद का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की विविध भौगोलिक विषमता में चुनौयिं एवं समाधान को समाहित करते हुए लोजिस्टिक, आपूर्ति चैन सिस्टम जैसे सपोर्ट तंत्र से पोषण आधारित उत्पादों का विपणन किया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर मंडुआ आधारित उत्पादों के विक्रय से इस व्यवसाय में सफलता हासिल की जा सकती है।
डॉ0 सोनी ने कहा कि छात्र-छात्राओं की अभिरूचि के अनुरूप उत्पाद तैयार करने हेतु महाविद्यालय का गृह विज्ञान विभाग संस्थागत, तकनीकी सपोर्ट एवं दक्षता उपलब्ध कराने हेतु तैयार है जिससे कि उद्यमिता के क्षेत्र में छात्र आगे बढ़ सकें।
उत्पादन से लेकर उपभोग तक आपूर्ति श्रृंखला में रणनीति लागू कर स्वायत्त सहकारी संस्थानों एवं स्वयं-सहायता समूहों के माध्यम से उत्पादों का प्रसार, ई-कॉमर्स जैसे प्लेटफॉर्म से उत्पादों के सीधी पंहुच ग्राहकों तक संभव है।
हर्बल टी, अश्वगंधा, गिलोय, बुरांश, हर्बल जूस, एलोवेरा जैसे उत्पाद प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही बेहतर पाचन, रक्त शर्करा नियंत्रण और हृदय स्वास्थ्य हेतु फायदेमंद हैं। मिलेट आधारित अंतराष्ट्रीय वर्ष 2023 ने मोटे अनाजों के माध्यम से आजीविका को नया जीवन प्रदान किया है।
प्रशिक्षण नोडल डॉ0 संजय महर ने कहा कि प्रशिक्षण हेतु तकनीकी दक्षता, वित्तीय सहायता एवं संस्थागत प्रोत्साहन हेतु देवभूमि उद्यमिता योजना से जुड़े हितधारक छात्र-छात्राओं की मदद हेतु तैयार हैं। स्वावलंबन एवं आजीविका हेतु छात्रों में सृजनशीलता को बढ़ावा देना इस योजना का मकसद है।
इस अवसर पर गृह विज्ञान विभाग द्वारा उत्पादों का स्टॉल भी लगाया गया जिसमें विभाग की छात्राओं द्वारा तैयार किये गये साबुन, जूस, टोकरी का अवलोकन प्राचार्य डॉ0 उमेश मैठाणी एवं प्रशिक्षणार्थियों द्वारा किया गया।
प्रशिक्षण में डॉ0 विक्रम बर्त्वाल, डॉ0 विजय प्रकाश, विशाल, शिशुपाल, अजय के साथ ही छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।