उत्तराखंड

लालकुआँ रेलवे स्टेशन पर भ्रष्टाचार का खेल, सरकारी भवन निर्माण में खुली लूट!

लालकुआँ रेलवे स्टेशन पर भ्रष्टाचार का खेल, सरकारी भवन निर्माण में खुली लूट!

रिपोर्टर गौरव गुप्ता।

लालकुआँ केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के लाख भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के आदेश के बाबजूद लालकुआँ रेलवे स्टेशन के समीप कुछ अधिकारी व ठेकेदार मिलकर सरकार के दावों पर पानी फेरते नजर आ रहे है। अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से सरकारी निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा हैं।

यहाँ लालकुआँ रेलवे स्टेशन स्थित आवसीय कालोनी के समीप हो रहे भवन निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है। भवन निर्माण में पुरानी सिमेंट लगी ईटों के साथ अन्य सामग्री भी गुणवत्ताहीन लगाई जा रही है। घटिया सामग्री के उपयोग से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

बताते चले कि मोदी सरकार ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देशभर के चुनिंदा 508 रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तर पर सुंदर बनाने का निर्णय लिया जिसके तहत उत्तराखण्ड के 3 स्टेशनों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। जिसमें लालकुआँ रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री द्वारा इस योजना की आधारशिला रखे जाने के बाद से स्टेशनों पर निवीनीकरण का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। वही इस योजना में शामिल लालकुआँ स्टेशन के नवीनीकरण में निर्माण कार्य के लिए 23 करोड़ 81 लाख रुपए का बजट सरकार द्वारा जारी कर दिया गया है। जिसके बाद से लालकुआँ स्टेशन पर निर्माण कार्य शुरू हो गया है। हालांकि इसमें भ्रष्टाचार का खेल ऐसा खेला जा रहा है जिसका आदांजा लगाना मुमकिन ही नहीं ना मुमकिन है।

इस योजना के तहत लालकुआँ रेलवे स्टेशन के समीप आवसीय कालोनी पर हो रहे भवन निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है। भवन निर्माण के चारों तरफ बन रही बाउंड्री दीवार में पुरानी सिमेंट लगी ईटों के साथ घटिया श्रेणी की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।

हालांकि अब तक उक्त निर्माण कार्य में हजारों ईट का इस्तेमाल भवन निर्माण में हो चुका है। पूरे निर्माण कार्य में मानकों जमकर अनदेखी हो रही है। लेकिन इसकी सुध लेने के लिए मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं रहते है। इधर सूत्रों की माने तो अब तक भवन निर्माण और बाउंड्री दीवार में ऐसी ना जाने कितनी हजारों पुरानी ईटों का इस्तेमाल किया जा चुका है।साथी ही यहाँ भी पता चला है कि उक्त भवन रेलवे पुलिस के जवानों के लिए बनाया जा रहा है। वही गुणवत्ता विहीन पुरानी ईट के प्रयोग से रेलवे के सरकारी भवन की मजबूती के साथ खिलवाड़ किया जा गया है जो भविष्य में किसी भी घटना का कारण बन सकता है।

इधर ठेकेदार की इस मनमानी और निर्माण कार्य में रही घटिया पुरानी ईट तथा अन्य सामग्री के इस्तेमाल से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है। लोगों ने कहा कि जल्द ही इसकी जाँच को लेकर मंडल रेलवे प्रबंधक को पत्र लिखकर जांच की मांग करेंगे।

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