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Breaking: BJP को लगा झटका! 14 पार्षदों ने पार्टी से दिया इस्तीफा

रिपोर्ट देवम मेहता :एक और जहां उत्तराखंड विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड की राजनीति को लेकर उठापठक का दौर जारी है। रुड़की से बड़ी ख़बर सामने आ रही है। जहां विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है, भाजपा के 29 पार्षदों में से 14 पार्षदों ने पार्टी से स्तीफा दे दिया है।

बागी पार्षदों ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर ये जानकारी दी। स्तीफा देने वाले पार्षदों ने बताया कि उनके क्षेत्र में विकास कार्य नही कराए जा रहे है। जो प्रस्ताव उन्होंने बोर्ड बैठक में रखे थे, उन्हें कुछ बीजेपी के पार्षदों ने कांग्रेस व बीएसपी के पार्षदों
के साथ मिलकर गिरा दिए, जिससे क्षेत्र का विकास अवरुद्ध हुआ है.

इसी बात से नाराज़ भाजपा के 14 पार्षदों ने भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष को सामुहिक त्यागपत्र सौंपा है। रुड़की नगर निगम की बोर्ड बैठक के 2 दिन बाद ही भाजपा को बड़ा झटका लगा है। नगर निगम के 14 भाजपा पार्षदों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है।

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भाजपा छोड़ने वाले पार्षदों का आरोप है कि भाजपा का बोर्ड होने के बावजूद भी नगर निगम में पार्षदों के क्षेत्र में इस तरह के विकास कार्य नहीं हो पाए जिस तरह से वह चाह रहे थे। पार्षदों का आरोप है कि भाजपा का पार्षद बनने के बाद लगातार उनके क्षेत्र की उपेक्षा होती रही और नगर निगम के अधिकारी भाजपा पार्षदों की उपेक्षा करते रहे।

हाल ही में हुई बोर्ड बैठक के दौरान जो प्रस्ताव उन्होंने रखे उनको भी कुछ भाजपा के पार्षदों ने कांग्रेस व बीएसपी पार्षदों के साथ मिलकर गिरा दिए। ऐसे हालातों में एक जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता की जवाबदेही उनकी है इसलिए वह भारतीय जनता पार्टी से सामुहिक रूप से स्तीफा दे रहे है।

नगर निगम की विगत दिनों हुई बोर्ड बैठक में मेयर के साथ ही खुद के प्रस्तावों के भी बहुमत के आधार पर गिर जाने को लेकर मेयर समर्थक खेमे के माने जाने वाले 14 पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है। इनमें 6 ऐसे हैं जो पार्षदी का चुनाव भाजपा के सिंबल पर जीते और बाकि 8 निर्दलीय चुनाव जीतकर भाजपा में शामिल हुए थे। पार्टी जिलाध्यक्ष अभी जिले से कहीं बाहर हैं और उन्होंने अभी इस्तीफे न मिलने की बात कही है। अलबत्ता ये भी कहा है कि ऐसा हुआ है तो ये उनके घर का मामला है जिसे मिल बैठकर सुलझा लिया जायेगा।

बागी पार्षदों ने प्रेस कांफ्रेंस कर ये जानकारी दी। इस्तीफा देने वाले पार्षदों ने बताया कि उनके क्षेत्र में विकास कार्य नही कराए जा रहे हैं। जो प्रस्ताव उन्होंने बोर्ड बैठक में रखे थे,उन्हें बीजेपी के ही अन्य पार्षदों ने 2 कांग्रेसी व 1 बसपा पार्षद तथा कुछ निर्दलीय व कुछ निर्दलीय चुनाव जीतकर भाजपा में शामिल हुए पार्षदों के साथ मिलकर गिरा दिया। जिससे क्षेत्र का विकास अवरुद्ध हुआ है। इसी बात से नाराज़ इन पार्षदों ने भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष को सामूहिक त्यागपत्र सौंपा है।

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भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले पार्षदों में डॉ नवनीत शर्मा,सचिन चौधरी, अंकित चौधरी, राजेश देवी,पूनम प्रधान,मंजू भारती, विनीता रावत, वीरेंद्र कुमार गुप्ता, संजीव राय टोनी, अनूप राणा, शक्ति राणा, सपना धारीवाल, देवकी जोशी, राजेश्वरी कश्यप शामिल हैं। इनमें मंजू भारती, राजेश्वरी कश्यप,अनूप राणा,संजीव राय टोनी,राजेश देवी व सपना धारीवाल जहां भाजपा सिंबल पर चुनाव जीते थे.

वहीं बाकि 8 निर्दलीय चुनाव जीतकर भाजपा में शामिल हुए थे। जिनमे अधिकांश को खुद निर्दलीय जीतकर भाजपा में शामिल होने वाले मेयर गौरव गोयल ने ही पार्टी की सदस्यता दिलायी थी। इनके पार्टी की सदस्यता से इस्तीफे की बाबत जिलाध्यक्ष डॉ.जयपाल सिंह चौहान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह अभी जनपद से बाहर है। उन्हें अभी इस्तीफे नही मिले हैं। यदि ऐसा हुआ है तो ये घर का मामला है इसे मिल बैठकर सुलझा लिया जायेगा।


Big Breaking: जिलाधिकारी द्वारा जारी किया गया ये आदेश निरस्तबहरहाल इन इस्तीफों के पीछे जहां शहर में चर्चाएं हैं कि मेयर समर्थक इन पार्षदों को भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दिलवाये जाने के पीछे जहां मेयर गौरव गोयल का ही कथित इशारा है,वहीं चूंकि उक्त बोर्ड बैठक में इन पार्षदों के साथ ही खुद मेयर गौरव गोयल के प्रस्ताव भी गिर गए थे तो आशंकाओं के रूप में यह भी चर्चाएं हो रही है कि प्रस्ताव गिरने को लेकर मेयर गौरव गोयल भी भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं?

हालांकि यह बात सिर्फ चर्चाओं तक ही सीमित है, लेकिन यहां पुनः ध्यान रहे कि इनमें निर्दलीय जितने वाले अधिकांश पार्षदों को मेयर ने ही भाजपा में शामिल कराया था। वैसे प्रस्तावों की बात करे तो मेयर गौरव गोयल के प्रस्तावों में बीटी गंज स्थित सुबोध गुप्ता की लीज की भूमि के नवीनीकरण का वह प्रस्ताव भी शामिल था,जिसको लेकर बोर्ड बैठक की शाम को ही मेयर का 25 लाख की कथित डील का ऑडियो वायरल हुआ था और यह प्रस्ताव भी गिर गया था।

खैर जब ऑडियो वायरल होने का इतना बड़ा मामला हो गया हो और खुद मेयर की ईमानदारी पर प्रश्रचिन्ह लग रहे हों तो यह सवाल भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले मेयर समर्थक इन पार्षदों से भी बनता है कि क्या वह लीज वाले इस प्रस्ताव के समर्थन में थे या विरोध में?जो भी हो,इन पार्षदों के भाजपा से इस्तीफे के बाद नगर निगम में भाजपा के बहुमत की बात करें तो भाजपा पार्षद दल नेता राकेश गर्ग के मुताबिक बोर्ड में पार्टी का पूर्ण बहुमत है। यूं ध्यान रहे कि अभी इनके इस्तीफे स्वीकार नही हुए हैं।

 

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