
उत्तराखंड में सरकार के सख्ती के बावजूद अधिकारी और कर्मचारी आम लोगों की फाइलें दबाने से बाज नहीं आ रहे। ताजा मामला नगर निगम देहरादून का है, जहां अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रॉपर्टी ट्रांसफर से जुड़ी 1017 फाइलें ढाई साल से दबाए रखी।
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मामला सेवा के अधिकार आयोग पहुंचा तो डीएम देहरादून ने जिम्मेदार 25 अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए जुर्माना लगाया है। जुर्माना जमा न करने वाले कार्मिकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
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नगर निगम देहरादून में जमीन ट्रांसफर से जुड़ी 1017 फाइलें जनवरी 2019 से जून 2021 तक ट्रांसफर के लिए आई। लेकिन जिम्मेदारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने इन फाइलों को आगे बढ़ाने की बजाए दबा दिया। कई बार आवेदन करने वालों ने उक्त मामले में कार्यवाही का अनुरोध किया, लेकिन अफसरों और कर्मचारियों के कानों जूं नहीं रेंगा। मामले में आवेदकों ने सेवा के अधिकार आयोग में अर्जी दी।
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मामला बेहद गंभीर होने पर सेवा के अधिकार आयोग ने देहरादून के डीएम से रिपोर्ट मांगी। इस पर डीएम ने नगर आयुक्त देहरादून को आयोग के आदेशों के अनुपालन में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तलब की। गत दिवस नगर आयुक्त ने 1017 जमीन ट्रांसफर की फाइलों को दबाने वाले 25 अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची डीएम देहरादून को भेजी।
नगर आयुक्त की रिपोर्ट पर डीएम देहरादून/द्वितीय अपीलीय अधिकारी (सेवा के अधिकार) आर राजेश कुमार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर निगम के 25 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सेवा के अधिकार अधिनियम में लापरवाही बरतने पर 500-500 रुपये का जुर्माने का आदेश दिए हैं। जुर्माना एसबीआई की मुख्य शाखा में जमा करने के आदेश दिए हैं। जुर्माना जमा न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।