उत्तराखंड

उत्तराखंड : सवालों के घेरे में जिला खाद्य सुरक्षा विभाग

लालकुआँ समेत आसपास के क्षेत्रों में खुले में बिक रही खाद्य सामाग्री लोगों के लिए साबित हो सकती है जानलेवा, जिला खाद्य सुरक्षा विभाग सवालों के घरे में 

लालकुआँ से संवाददाता गौरव गुप्ता : यहां नगर में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे तमाम मामलों के बाद जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की लचर कार्यप्रणाली उपभोक्ताओं के निशाने पर है। लालकुआँ नगर में इनदिनों पटरी पर खाद्य सामग्री बेचने वाले फड़, ठेले तथा चिकन, मटन वालों की बाड़ सी आयी हुई है। आलम यह है कि हल्दानी रोड ओवरब्रिज वन विभाग के चेकपोस्ट से लेकर सेंचुरी रोड़ वीआईपी गेट तक सड़क के दोनों ओर खुले में खाद्य सामाग्री बेचने वालों की कतारें लगी हुई हैं।

बताया जाता है कि उक्त फड़ व ठेलों आदि पर खाद्य सामाग्री की गुणवत्ता पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता है। लोगों का आरोप है कि कई बार तो उक्त फड़ या ठेले पर बासी (रखी हुई) खाद्य सामाग्री खाने से उनका स्वास्थ्य तक बिगड़ गया।

इधर यही हाल क्षेत्र के कई दुकानदारों का भी है जो उपभोक्ताओं को काफी समय से रखी हुई एक्सपायरी खाद्य सामाग्री बेचने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। हाल में ही एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें महाशिवरात्रि के पर्व पर व्रत के लिए नगर की एक प्रतिष्ठित दुकान से खरीदे गए कुट्टू के बंद पैकेट के आटे में बदबू आने की शिकायत के बाद जिला खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने उक्त दुकान पर छापामार कार्रवाई की, लेकिन दुकानदार ने कट्टू का आटा अपनी दुकान से हटा दिया, हालांकि शिकायत कर्ता द्वारा उक्त बदबूदार आटे के सैंपल खाद्य सुरक्षा विभाग को उपलब्ध कराए गए।

वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा इसके अलावा लालकुआँ नगर समेत के क्षेत्रों में सड़क किनारे आसपास धड़ल्ले के साथ खुले में बिक रही खाद्य सामाग्री के फड़, ठेलों, चिकन व मटन की दुकानों की ओर कतई ध्यान नहीं दिया गया जो खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यप्रणाली में बड़ी लापरवाही को दर्शाता है। विभाग की यह लापरवाही कभी भी लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है।

बताते चलें कि लालकुआँ नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में जगह-जगह दुकानदारों द्वारा गुणवत्तारहित निर्मित खाद्य सामाग्री बिना एक्सपायरी डेट के पैकिंग कर बेची जा रही है। इसके साथ ही बाहरी राज्यों से लाकर मसाले तथा बेकरियों का सामान भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है।

हालांकि खाद्य सुरक्षा विभाग इससे अनजान नहीं है लेकिन क्या कारण है कि वह उक्त दुकानदारों पर कार्यवाही करने से अब तक बचता रहा है। जबकि बड़े पैमाने पर इन खाद्य सामग्रियों का ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में फड़, ठेलों, मटन, चिकन की दुकानों में खुले में तथा किराना की दुकानों पर बिना पैकिंग के खुला एवं एक्सपायरी डेट का सामान बेचा जा रहा है।

वहीं कई बार देखा गया है दुकानों पर बिकने वाले अधिकतर सामान में एक्सपायरी डेट तक अंकित नहीं होती है। साथ कई सामानों में मैन्युफैक्चरिंग सहित एफएसआई से लिया हुआ रजिस्ट्रेशन नबर भी नहीं लिखा होता है।

ऐसे मे खाद्य सुरक्षा विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते लोगों के स्वास्थ्य के साथ बड़ा खिलबाड़ हो रहा है और सम्बंधित विभाग द्वारा समय-समय पर कार्रवाई का ना किया जाना लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

इधर खाद्य सुरक्षा विभाग केवल त्यौहारों के अवसर पर क्षेत्र में आकर खानापूर्ति की कार्रवाई कर औपचारिकता निभाता दिखाई देता है।

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