मक्का से आई अयोध्या में बनने वाली भव्य मस्जिद की ईंट, सोने से लिखी है आयतें
मक्का से आई अयोध्या में बनने वाली भव्स मस्जिद की ईंट, सोने से लिखी हैं आयतें
नई दिल्ली:( जीशान मलिक) अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब मस्जिद को लेकर तैयारी तेजी से आगे बढ़ रही है। अप्रैल 2024 तक इस मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू होने के आसार हैं। इसका नाम मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद रखा गया है, जिसके निर्माण का आगाज जल्द ही हर कोई बनेगा। अयोध्या में बनने जा रही इस मस्जिद के लिए मक्का से खास काली मिट्टी की ईंट भेजी गई है। इसमें सोने की ‘आयतें’ भी अंकित हैं। काली मिट्टी से बनी ये विशेष ‘पवित्र’ ईंट, जिस पर सोने की ‘आयतें’ (पवित्र कुरान के दोहे) हैं। इस मस्जिद की नींव रखने में इस ईंट का इस्तेमाल किया जाएगा।
अप्रैल से शुरू होगा अयोध्या में मस्जिद का निर्माण
अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जगह बनने वाली मस्जिद का नाम ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह अयोध्या मस्जिद’ रखा गया है। उम्मीद है कि इस मस्जिद का निर्माण कार्य अप्रैल तक शुरू हो जाएगा। अयोध्या के धन्नीपुर में बाबरी मस्जिद के बदले आवंटित पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद का निर्माण होगा। इसकी देखरेख के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (यूपीएससीडब्ल्यूबी) की ओर से गठित ट्रस्ट, इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) खास जिम्मेदारी निभा रहा है। इससे जुड़े पदाधिकारी ने खास इस खास काली मिट्टी की ईंट के बारे में जानकारी दी है।
अप्रैल से शुरू होगा अयोध्या में मस्जिद का निर्माण
अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जगह बनने वाली मस्जिद का नाम ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह अयोध्या मस्जिद’ रखा गया है। उम्मीद है कि इस मस्जिद का निर्माण कार्य अप्रैल तक शुरू हो जाएगा।
अयोध्या के धन्नीपुर में बाबरी मस्जिद के बदले आवंटित पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद का निर्माण होगा। इसकी देखरेख के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (यूपीएससीडब्ल्यूबी) की ओर से गठित ट्रस्ट, इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) खास जिम्मेदारी निभा रहा है।
इससे जुड़े पदाधिकारी ने खास इस खास काली मिट्टी की ईंट के बारे में जानकारी दी है।
महाराष्ट्र पहुंची ईंट, अजमेर से आएगी अयोध्या
अराफात शेख ने बताया कि हम महाराष्ट्र से ताजी पकी हुई ईंट मक्का लेकर गए। वहां उस ईंट को ज़मज़म के पानी से ‘गुस्ल’ (पूर्ण स्नान) दिया।
उन्होंने आगे कहा कि हम ईंट को मदीना शरीफ भी ले गए और इसे इत्र के साथ एक और ‘गुस्ल’ दिया। 2 फरवरी को ये खास ईंट को वापस महाराष्ट्र लाया गया। फिर इसे अजमेर शरीफ ले जाया जाएगा। इसी के बाद पवित्र ईंट को अयोध्या ले जाया जाएगा।
हम अभी भी योजना बना रहे हैं कि ईंट को अयोध्या कैसे ले जाया जाए। कुछ लोग कह रहे कि इसे पैदल ले जाएं, जिसमें 30 दिन लगेंगे। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इसे सड़क मार्ग से या फिर ट्रेन से ले जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मौके पर हजारों लोग हमारे साथ होंगे।
राम मंदिर के बाद अयोध्या में मस्जिद
मस्जिद विकास समिति के प्रमुख और इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सदस्य अराफात शेख ने बताया कि पूरी यात्रा की योजना इस तरह बनाई जाएगी कि अप्रैल तक ईंट अयोध्या पहुंच जाए।
इसी से मस्जिद की नींव रखी जा सके। इस प्रक्रिया के बाद अप्रैल 2024 से अयोध्या मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद के निर्माण का गवाह बनेगा।