उत्तराखंड

बड़ी खबर : जगद्गुरु रामभद्राचार्य एयर एंबुलेंस से दून के सिनर्जी अस्पताल में भर्ती

बता दें कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य रामानंद संप्रजाय के चार प्रमुख जगद्गुरुओं में से एक हैं. तुलसी पीठाधीश्वर और पद्मविभूषण से सम्मानित जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जन्म से ही सूरदास हैं लेकिन संस्कृत के विद्वान भी हैं.

देहरादून : विख्यात कथावाचक जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज को शुक्रवार (2 फरवरी) को अचानक तबीयत बिगड़ने के चलते आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब जगद्गुरु रामभद्राचार्य की हालत स्थिर बनी हुई है और उन्हें आगरा से देहरादून के लिए एयर एंबुलेंस के जरिए रेफर कर दिया गया है. जगद्गुरु रामभद्राचार्य के साथ तीन डॉक्टर की एक स्पेशल टीम साथ में रहेगी.

बता दें कि जगद्गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज को सांस लेने में तकलीफ के चलते आगरा के पुष्पांजलि हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जहां डॉक्टर ने उनका इलाज शुरू किया था, पुष्पांजलि हॉस्पिटल के डॉक्टर के मुताबिक जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और सांस फूल रही थी. जिसके चलते डॉक्टर ने उनका इलाज शुरू किया. जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज को आगरा के पुष्पांजलि हॉस्पिटल में भर्ती का कराया गया, उसके बाद डॉक्टर की टीम ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज का इलाज शुरू किया और जांच कराई.

रामभद्राचार्य महाराज की तबीयत बिगड़ने की सूचना के बाद अस्पताल के बाहर समर्थकों और भक्तों की भीड़ जमा हो गई. सिनर्जी के एमडी कमल गर्ग ने बताया कि जगद्गुरू रात 10ः40 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, वहां से रात 11ः10 बजे स्पेशल एंबुलेंस से उन्हें अस्पताल लाया गया था। उनकी छाती में इन्फेक्शन था, अब उनकी हालत खतरे से बाहर है।

हाथरस में श्रीराम कथा सुनाते वक्त महाराज की हालत बिगड़ गई। सांस लेने में परेशानी होने पर शुक्रवार की सुबह दिल्ली गेट स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच कर डॉक्टरों ने निमोनिया से फेफड़ों में संक्रमण बताया है।

राम कथा कर रहे तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य की अचानक तबीयत बिगड़ गई। सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत होने पर पहले उन्हें आगरा के पुष्पांजलि हास्पिटल में भर्ती कराया गया। बाद में रात नौ बजे उन्हें हवाई मार्ग से देहरादून ले जाया गया।

हालत खतरे से बाहर है। रात में एयर एंबुलेंस से उन्हें खेरिया एयरपोर्ट ले जाया गया। वहां से देहरादून लाया गया। उनको चार साल पहले ओपन हार्ट सर्जरी हो चुकी है। हाथरस से उनके साथ आए सेवादार नरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि हाथरस में अजय वार्ष्णेय के यहां 25 जनवरी से श्रीराम कथा का आयोजन हो रहा है।

1 फरवरी को उनकी तबियत हल्की से खराब हुई। उनको सर्दी लग गई थी, इसके चलते सुबह सांस लेने में परेशानी होते देख आगरा में भर्ती कराया है। इलाज के बाद अब डाॅक्टर हालत ठीक बता रहे हैं।

बता दें कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य रामानंद संप्रजाय के चार प्रमुख जगद्गुरुओं में से एक हैं. तुलसी पीठाधीश्वर और पद्मविभूषण से सम्मानित जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जन्म से ही सूरदास हैं लेकिन संस्कृत के विद्वान भी हैं. इसके साथ ये बहुभाषाविद और 80 ग्रंथों के रचयिता हैं, नेत्रहीन होने के बावजूद जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 22 भाषाओं का ज्ञान है.

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