मैरिज ब्यूरो कारोबारी ने मोहाली के DSP और CIA पुलिस अधिकारी पर लगाए संगीन आरोप
कारोबारी गुरप्रीत सिंह मेहरा अपनी आप बीती सुनाते हुए व सबूतों संबंधित जानकारी देते हुए
- पीडित का आरोप पुलिस ने खुद रचा
- लालबत्ती लगा कर तेज गाडी चलाने और नियमों का उल्लंन करने का खेल, सबूत कुछ और..
मोहाली : क्या मोहाली में जो भी एनकाउंटर हो रहे हैं और मोहाली के डीएसपी गुरशेर सिंह संधू स्वयं हिस्सा लेकर वाहवाही लूट रहे इसमें कितनी सच्चाई है इसको तो मैं नहीं जानता, लेकिन जो मोहाली खास करके खरड सिटी थाने की पुलिस और डीएसपी गुरशेर सिंह संधू ने मेरे साथ किया, उसे मैं और मेरे साथी कभी नहीं भूल सकते हैं । उपरोक्त संगीन आरोप ईजी मैरिज ब्यूरों एवम कारोबारी गुरप्रीत सिंह मेहरा ने मोहाली में आयोजित एक प्रैसवार्ता के दौरान भरी मीडिया कर्मियों के सामने लगाया।
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मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पीडित गुरप्रीत सिंह मेहरा ने बताया कि सिटी खरड पुलिस जिनमें एएसआई गुरप्रताप सिंह और सीआइए के एक अधिकारी और डीएसपी गुरशेर सिंह संधू की मदद से उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था िक वह अपने सिकोरिटी गार्ड के साथ जिस्पी में लाल और नीली बत्ती लगा कर सरेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे थे।
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गुर्रपीत सिंह मेहरा ने कहा कि एक ओर जहां उनके पास सभी तरह के सबूत और उनकी गाडी की सीसीटीवी तस्वीरें आदि मौजूद हैं कि डीएसपी गुरशेर सिंह संधू उनको उनके कार्यालय गोपाल स्वीट के पास से लेकर थाने गए और सिटी खरड पुलिस दर्ज एफआइआर में दिखा रही है कि खरड के क्रिशियन स्कूल के पास एक नाका लगा था उस दौरान वाहनो की जांच की जा रही थी उसी समय गुरप्रीत सिंह मेहरा और उनका कापिफला निकला जिसने सपफेद जीप पर लाल बत्ती लगाई थी और पीछे फारचूर्नर गाडी वह स्वंय चला रहे थे।
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दर्ज मामले में दिखाया गया कि नाके के दौरान काफिला बडी तेजी से आ रहा और सभी नियमों को ताक पर गाडियां चल रही और समय रात के लगभग 8 बजे के करीब का था, जबकि डीएसपी ने जब उनको थाने ले जाने की बात कही तो और ले कर गए तो उनके कार्यालय के समय गाडियों का समय साढे पांच बजे के करीब था ।
उन्होंने बताया कि सीसीटीवी में पुलिस के रचि कहानी में लालबत्ती लगी होने की बात कहीं जा रही है, जबकि जिस रूट का हम दावा करते हैं और पुलिस ले कर जा रही है उन सभी जगहों के कैमरे जांच किए जाए कहीं भी कोई लालबत्ती नहीं लगी है । गुरप्रीत सिंह ने कहा कि इतना ही नहीं पुलिस सीआइए खरड के थाने की सीसीटीवी भी चैक कर सकती है और रास्तों का भी, जहां नाका लगाए जाने की बात कह रही है ।
उन्होंने कहा िकवह ऐसा इसलिए मीडिया के सामने आ कर प्रैसवार्ता कर रहे हैं क्योंकि उनको डर है कि बिना कोई गलती के पुलिस ने इतना बडा खेल उनके साथ खेला और उनकी छवि समाज में खराब की । वहीं उनके कारोबार भी इसका बुरा प्रभाव पडा । इसके अलावा उन्हंें डर है कि यदि इस बात को दबा कर रखा गया तो यह डीएसपी और उसकी पुलिस टीम कभी भी उनको किसी बडे खेल का हिस्सा बना सकती है ।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुलिस को उन्हें पकडने और तंग करने के पीछे एक ही मकसद था िक वह मैरिज ब्यूरों का काम करते हैं और उनकी शाखाएं लगभग पूरे भारत में हैं , उनके पास जज, बडे-बडे पुलिस अधिकारियों के बच्चों के भी रिश्तों की फाइलें आती हैं और वह करवाते भी हैं, लेकिन सभी कागज कार्रवाई के कोई गलती न पाए जाने पर जो कुछ पुलिस मुलाजिम उनके पास रिश्ते की बात के लिए फाइल लगवाते हैं वह समझौते से पहले या बाद में काम हो जाने के बाद भी उनसे पैसे वापस देने की बात करके शिकायत देते हैं, लेकिन उनमें वह कहीं कोई गलत नहीं हैं और उनके दस्तावेज दुरूस्त हैं और उन्होंने पैसे वापस न देने की बात सरेआम मना कर दिया ।
उन्होंने कहा कि उन्होनें आरोपित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पुलिस के आला अधिकारियों को लिखित में शिकायत दी है और अधिकारियों ने संबंधित निचले स्तर के अधिकारियों को जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन मामला पुलिस से जुडा होने के कारण जांच इतनी धीरे से चल रही है कि इस मामले में इंसाफ तो दूर कहंी पुलिस उनके साथ कोई बडा खेल न कर दे।
उन्होंने पंजाब सरकार सीएम भगवंत सिंह मान और डीजीपी पंजाब से मीडिया के माध्यम से इंसाफ की गुहार लगाई और कहा कि उनके दिए जाने वाले सबूतों के आधार पर मामले की गहराई से जांच की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा । गुरप्रीत सिंह मेहरा ने कहा कि यह पंजाब में ऐसा पहला केस होगा जिसमें सबूतों के साथ पुलिस जिसको आरोपी बनाया और उसका भारी नुकसान किया, वह ही अपने मामले की जांच करवाना चाहता है ।
बाक्स
क्या कहना है संबंधित सीआईएस पुलिस अधिकारी और डीएसपी का
उपरोक्त मामले पर फोन पर संपर्क करने पर दोनो पुलिस अधिकारियों ने पीडित की ओर से लगाए जाने वाले आरोपों को निराधार बताया और कहा कि उन्होंने जो किया है कानून के दायरे में किया है।
डीएसपी गुरशेर सिंह संधू का कहना है कि सभी कार्रवाई कानून के दायरे में की गई है और एक महीने बाद वह ऐसा क्यों कह रहा है। इसके बारें में वह कुछ नहीं कह सकते, जबकि सीआइए एएसआई गुरप्रताप सिंह का कहना है कि पीडित झूठ बोल रहा है और वह किसी कार्य से बाहर हैं।
उन्होंने कहा कि जमा तलाशी बंदी मामले में उन्होंने कहा कि हो सकता है कि लाईसेंस गलती से दिया गया हो वह कोर्ट में उसकी डुप्लीकेट कॉपी लगा देंगें ।