उत्तराखंड

गढ़वाल विश्वविद्यालय में बौद्धिक संपदा का अधिकार पर कार्यशाला का आयोजन

उत्तराखण्ड राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आईपीआर का ज्ञान जरूरी- डॉ अपर्णा शर्मा

Workshop on Intellectual Property Rights organized at Garhwal University

रिपोर्ट भगवान सिंह श्रीनगर गढ़वाल : श्रीनगर गढ़वाल आज 3 जून को हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के सीनेट सभागार में गढ़वाल विश्वविद्यालय और उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के संयुक्त तत्वधान में बौद्धिक सम्पदा अधिकार विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का शुभारम्भ द्वीप प्रज्वलन के साथ बतौर मुख्य अतिथि डॉ अपर्णा शर्मा द्वारा यूकॉस्ट की वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, कार्यक्रम संयोजक प्रो मंजुला राणा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो महावीर सिंह नेगी के द्वारा किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अपर्णा शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो दुर्गेश पंत के निर्देशन में राज्य में बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, परिषद ने देश की पहली ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस का सफल आयोजन किया है जिससे लोगों में टेªडमार्क, कॉपीराइट, जीआई टैग जैसी बौद्धिक संपदा के प्रति रूचि बढ़ रही है।

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कार्यशाला की समन्वयक एवं कला, संचार एवं भाषा विभाग की संकायाध्यक्ष प्रो मंजुला राणा ने सभी अतिथियों का स्वागत कर कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया । उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा के अधिकार के विषय में जानकारी रखना उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षकों की आवश्यकता है। आज तकनीकी विकास के साथ कॉपीराइट, पेटेंट, टेªडमार्क उद्यमिता विकास के आवश्यक तत्व है।

कार्यशाला के तकनीकी सत्र में बतौर वक्ता यूकॉस्ट के वैज्ञानिक डॉ हिमाशुं गोयल, एनआईटी उतराखंड के डॉ राकेश मिश्रा, गढ़वाल विश्वविद्यालय के एमबीए विभाग के डॉ महेन्द्र बाबू, युवा उद्यमी अंकित भण्डारी द्वारा बौद्धिक सम्पदा अधिकार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

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इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो० महावीर सिंह नेगी ने कहा कि विश्वविद्यालय में इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन किया जाना छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

वहीं मुख्य नियन्ता प्रो बी.पी. नैथानी ने उत्तराखंड के विभिन्न उत्पादों को ज्यिोग्राफिक इंडीकेशन दिलाने की बात पर जोर दिया। कार्यशाला के समापन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन डॉ कपिल देव पंवार ने किया।

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इस अवसर पर जैव प्र्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो जी के जोशी, संकायाध्यक्ष वाणिज्य प्रो वी सी शर्मा, शारीरिक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ हीरालाल यादव, डॉ रोहित कुमार, डॉ अमित कुमार आदि मौजूद रहे।

इस कार्यशाला में बिड़ला परिसर, चौरास परिसर समेत एनआईटी उतराखंड, बीजीआर कैम्पस पौड़ी, स्वामी रामतीर्थ परिसर टिहरी के 200 से अधिक शोद्यार्थी छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

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