न्यूज़ पोर्टल अब होंगे अखबार के बराबर! केंद्र सरकार
बिल में डिजिटल मीडिया पर न्यूज को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि “डिजिटल फॉर्मेट में समाचार” जिसे इंटरनेट, कंप्यूटर या मोबाइल नेटवर्क पर प्रसारित किया जा सकता है और इसमें टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो और ग्राफिक्स शामिल हैं। रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पीरियॉडिक्ल्स 2019 की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं।

News portals will now be at par with newspapers! Central government
केंद्र सरकार देश में डिजिटल मीडिया न्यूज प्लेटफॉर्म को रेगुलेट करने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सामने ला रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार इस उद्देश्य के लिए एक नया कानून लेकर आ रही है।
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डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करने व अखबार के बराबर मानने के लिए केंद्र सरकार एक बिल लेकर आ रही है। इस बिल को कानूनी मान्यता मिलने के बाद न्यूज पोर्टल को भी अखबारों की तरह पंजीकरण कराना आवश्यक हो जाएगा। अभी तक यह नियम सिर्फ समाचार पत्रों पर ही लागू है।
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दरअसल, केंद्र सरकार 155 साल पुराने प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट को खत्म करने जा रही है। इसके स्थान पर ‘प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल’ लाया जाएगा। यह बिल समाचार पत्रों के लिए नई व आसान पंजीकरण व्यवस्था होगी, इसके तहत डिजिटल मीडिया को भी लाने की तैयारी है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार मानसून सत्र के दौरान ही इस बिल को पेश कर सकती है।
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जानकारी के मुताबिक, यह विधेयक प्रेस और पुस्तकों के पंजीकरण (पीआरबी) अधिनियम, 1867 की जगह लेगा। इसके तहत मध्यम व छोटे प्रकाशकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल रखा जाएगा और प्रेस की स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखा जाएगा।
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(ut) इसका नाम द रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पीरियॉडिक्ल्स बिल 2019 (The Registration of Press and Periodicals Bill 2019 ) होगा।
ये बिल प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट 1867 (The Press and Registration of Books Act, 1867) के बदले में काम करेगा। प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट 1867 भारत में काम कर रहे प्रिंटिंग प्रेस और देश में छपने वाले अखबारों को कंट्रोल करता है।
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सूत्रों के अनुसार इस कानून के लागू होने के बाद इसका उल्लंघन उस संस्थान/व्यक्ति को दंड का पात्र बना सकता है। कैबिनेट इस बिल पर जल्द ही चर्चा करेगा। इस बिल में प्रस्ताव है कि डिजिटल न्यूज पोर्टल को समाचार पत्रों के बराबर माना जाए। ( UT )इसके अनुसार डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म को प्रेस रजिस्ट्रार जनरल के पास पंजीकृत करने के लिए कहा जा सकता है।
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प्रेस रजिस्ट्रार जनरल अभी मौजूद रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर्स इन इंडिया के बराबर अधिकार संपन्न होगा। बता दें कि साल 2019 में केंद्र सरकार ने रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पीरियॉडिक्ल्स बिल का ड्राफ्ट लोगों के बीच बांटा था। इस बिल के अनुसार डिजिटल प्लेटफॉर्म का रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन आसान हो जाएगा।
बिल में डिजिटल मीडिया पर न्यूज को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि “डिजिटल फॉर्मेट में समाचार” जिसे इंटरनेट, कंप्यूटर या मोबाइल नेटवर्क पर प्रसारित किया जा सकता है और इसमें टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो और ग्राफिक्स शामिल हैं। रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पीरियॉडिक्ल्स 2019 की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं।
1- इस विधेयक में बुक्स के पंजीकरण और उससे जुड़े मामलों से संबंधित मौजूदा प्रावधानों को हटाने का प्रस्ताव है।
2- विधेयक के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रकाशकों/मुद्रकों द्वारा घोषणापत्र प्रस्तुत करने की मौजूदा प्रक्रिया खत्म हो जाएगी।
3- इस विधेयक से केंद्र सरकार और राज्य सरकार समाचार पत्रों में सरकारी विज्ञापन जारी करने, समाचार पत्रों की मान्यता तय करने के लिए नियम बना सकेंगे।
4- इस बिल में ई-पेपर के रजिस्ट्रेशन के लिए एक आसान प्रणाली का प्रस्ताव है।
5- इस बिल में प्रकाशकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के पीआरबी अधिनियम, 1867 के तहत मौजूद पहले के प्रावधान को खत्म करने का प्रस्ताव है।