
Big blow to Congress! Two leaders left hand
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस को आज बड़ा झटका लगा है। पार्टी के दो नेताओं ने पार्टी के भीतर चल रहे अंतर्कलह को वजह बताकर पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। डॉ. रतूड़ी ने लिखा, ‘ आज मन अत्यंत आहत है। मैंने अपने जीवन के 45 साल कांग्रेस पार्टी को दिए और अब कांग्रेस के जो हालात हैं वह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
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पार्टी नेतृत्व द्वारा जिस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं, पार्टी में जिस तरह की अंतरकलह है वह सब अत्यंत ही दुःखद हैं। 2017 के चुनाव परिणाम से सबक लेने के बजाय 2022 की चुनावी हार के बाद पार्टी में गुटबाजी और तेज हो रही है। कांग्रेस पार्टी का उत्तराखंड का नेतृत्व नहीं चाहता कि 2027 में पार्टी चुनाव जीते।
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चंपावत चुनाव में पार्टी की जो दुर्गति हुई उसके बाद भी बड़े नेता लगातार सोशल मीडिया पर रोज झगड़ते दिख रहे हैं। उससे कार्यकर्ता अत्यंत हतोत्साहित हैं। इसलिए मैं आज आहत होकर कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से अपने को मुक्त करते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।
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इसके बाद कमलेश रमन ने भी पत्र में लिखा” कमलेश रमन ने प्रदेश अध्यक्ष महिला कांग्रेस की लिखे एक पत्र में कहा कि वह विगत तीन दशक से कांग्रेस से जुड़ी रही और समर्पित भाव से अपना जितना भी सहयोग हो सकता था कांग्रेस पार्टी को दिया। लेकिन विगत कुछ समय से अपने को उपेक्षित एवं ठगा सा महसूस कर रही हूं।
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मेरी जैसी पूर्णकालिक निष्ठावान कार्यकर्ता की उपेक्षा एवं लगातार बढ़ रहे अंतर्कलह से आहत होकर और बहुत ही दुखी मन से आज कांग्रेस के सभी पदों के साथ प्राथमिक सदस्यता से अपने को मुक्त कर रही हूं।” उत्तराखंड कांग्रेस के लिए इसे एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
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ये प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष करन मेहरा के लिए ज्यादा बड़ा झटका है, जिनकी कार्यप्रणाली पर इसके बाद सवाल उठना तय है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी ने राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष की कमान करन मेहरा को सौंपी थी।
पार्टी ने एक युवा चेहरे के रूप में करन मेहरा को जिम्मेदारी दी और सबसे बड़ी चुनौती अंतर्कलह को खत्म करने का भी भरोसा जताया। लेकिन राज्य में पार्टी के भीतर चल रहे मतभेद ने उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। देहरादून में पिछले चार दशक से कांग्रेस के लिए काम कर रहे डॉक्टर आरपी रतूड़ी ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है।
इस फैसले के फौरन बाद पार्टी में महिला विंग में महानगर अध्यक्ष से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष तक की जिम्मेदारी संभालने वाली कमलेश रमन ने भी कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया। एक के बाद एक इस्तीफे से कांग्रेस के भीतर के अंतर्कलह को एक बार फिर सामने ला दिया।
ऐसे में सबसे बड़ा झटका प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा को लगा है जो पार्टी के भीतर सब ठीक करने का दावा कर रहे थे। लेकिन कुछ भी ठीक नहीं दिख रहा है।