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देहरादून: राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रथम प्रांतीय अधिवेशन में आज प्रांतीय कार्यकारिणी का गठन किया गया। इससे पूर्व प्रांतीय अधिवेशन में डॉक्टर धन सिंह रावत कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि के रूप में धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने अधिवेशन का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पुरानी पेंशन की अहमियत को मैं अच्छी तरह महसूस करता हूं।
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उन्होंने सभी कर्मचारी को आश्वस्त किया कि इस पर सरकार में विचार चल रहा है एवं मैं भी मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर अवश्य वार्ता करूँगा। अपने संबोधन में विधायक ने कहा कि जब कुछ राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल की गई है तो पूरे देश में एक ही व्यवस्था लागू होनी चाहिए। अपने परिवार का उदाहरण देते हुए उन्होंने पुरानी पेंशन के महत्व को स्पष्ट किया।
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अधिवेशन में देश भर से आए विभिन्न प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष करने के लिए सभी का आह्वान किया। जम्मू-कश्मीर प्रदेश उपाध्यक्ष महिला श्रीमती मैमूना खान ने कहा कि एक न एक दिन पूरे राष्ट्र में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलेगी। डॉक्टर पंकज प्रजापति प्रदेश अध्यक्ष गुजरात ने पुरानी पेंशन के लिए कर्मचारियों को संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।
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इसके साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं पंजाब से श्री गुरुमुख सिंह, जम्मू कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष गुलजबेर डेंग, गुजरात से राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सलाहकार राकेश कंद कंधारिया, मध्य प्रदेश से जगदीश यादव, सुरेश डांगी एवं राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र दुबे ने भी अपने विचार रखे।
महासचिव बीरेंद्र दुबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। वह छत्तीसगढ़ प्रदेश से आते हैं। इसलिए उन्होंने आश्वस्त किया कि यद्यपि वह छत्तीसगढ़ से आते हैं जहां पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है लेकिन वह तब तक संघर्षरत रहेंगे जब तक पूरे देेश में पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य ही है जिसने कई आंदोलनों को मंजिल तक पहुंचाया और मुझे गर्व है उत्तराखंड के अधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षक लगातार राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के बैनर तले इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।
मुझे आशा ही नहीं पूरा विश्वास है कि जल्दी ही अन्य प्रदेशों की तरह उत्तराखंड में भी पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। पुरानी पेंशन बहाल करके उत्तराखंड पहला राज्य होगा जो कि भारतीय जनता पार्टी शासित प्रदेश होकर पुरानी पेंशन लागू कर एक उदाहरण पेश करेगा।
प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने सभी एनपीएस कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे पूरी ताकत के साथ इस लड़ाई में अपना योगदान दें। यदि अभी नहीं जागे तो कभी नहीं जागे इस बात को रखते हुए उन्होंने इस अधिवेशन को सफल बनाने के लिए सब का आभार भी प्रकट किया।
इस अवसर प्रदेश की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमें अध्यक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा, महासचिव सीताराम पोखरियाल, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला, उपाध्यक्ष (सामान्य) रोहित जोशी, उपाध्यक्ष (महिला) बबीता रानी, संगठन मंत्री मोहन सिंह राठौर, कोषाध्यक्ष रणवीर सिंह सिंधवाल को निर्विरोध चुना गया।
इस अवसर पर जयदीप रावत को गढ़वाल मंडल अध्यक्ष एवं नरेश कुमार भट्ट मंडल महासचिव एवं योगेश कुमार घिल्डियाल को अध्यक्ष एवं अनिल जोशी को महासचिव कुमाऊँ नामित किया गया। कार्यक्रम का संचालन गढ़वाल मंडल अध्यक्ष जयदीप रावत एवं सचिव नरेश कुमार भट्ट ने किया।
इसके अतिरिक्त मुरली मनोहर भट्ट, गुरूदेव रावत, सरिता सेमवाल, मंडलीय संरक्षक जसपाल सिंह रावत, रश्मि गौड़, , प्रदीप सजवाण, शंकर भट्ट, अंकित रौथाण, पूरन फरस्वान, माखन लाल, डॉ0 नवीन सैनी, लालसिंह, मानसिंह, डॉ0 सतीश सैनी, दिनेश लखेडा आदि इत्यादि जिला स्तरीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
साथ ही दीपक जोशी, सुरेन्द्र सिंह बछेती, राकेश शर्मा, सुभाष देवलियाल, शिव सिंह नेगी, रविन्द्र सिंह राणा, संतन सिंह रावत, भितेन्द्र सिंह चौहान, केदार फर्स्वाण, सुभाष रतूड़ी आदि अन्य कर्मचारी संघों के प्रांतीय और जिला स्तरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे।