उत्तराखंड

उत्तरकाशी: हर्ष -उल्लास से मनाई बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर की 131वीं जयन्ती

उत्तरकाशी से अनिल रावत की रिपोर्ट: जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कलेक्ट्रेट परिसर में डा0 भीभराव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये l जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर आधुनिक भारतीय चिन्तकों में एक प्रतिनिधि नाम हैं। वे एक प्रख्यात अर्थशास्त्री, कानूनविद, राजनेता तथा समाज सुधारक थे। अपने प्रगतिशील कृतित्व और रोशन व्यक्तित्व के कारण वे आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।

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उन्होंने भारतीय समाज व्यवस्था, जाति व्यवस्था, धर्म का, अर्थ-तंत्र, वंचित वर्ग के अधिकार, मजदूरों और कामगारों का हित, महिला-अधिकार, व्यवस्थापिका, कार्यपालिका एवं सरकारी सेवा में दलित वर्ग के स्वाभाविक प्रतिनिधितत्व के साथ ही शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान आदि मुद्दों पर सर्वाधिक तार्किक ढ़ंग से सोच-विचार और अपने निष्कर्षों को हमारे सामने रखा। वे एक बहुपठित और बहुज्ञ व्यक्तित्व के स्वामी थे. उनका वैचारिक-पक्ष न्यायोचित एवं मानवीय था। उनका सम्पूर्ण जीवन और वैचारिक-भूमिका भारतीय समाज और चेतना में समरसता को स्थापित करने हेतु न्यायोचित परिवर्तन के लिए समर्पित रहा।

 

 

भारतीय समाज व्यवस्था, आर्थिक तंत्र, राजनैतिक प्रक्रियाओं एवं सभ्यता की उपलब्धियां तथा दुविधाओं के प्रति बाबा साहेब का समझ अतुलनीय है। अपनी इसी विशिष्ट प्रतिभा के चलते वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री बने। वह भारतीय संविधान के जनक एवं भारतीय गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। उनके भारतीय संविधान के अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें ‘भारतीय संविधान का पितामहा’ कहा जाता है।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा डा0 भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण किया गया l

 

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