उत्तराखंडराजनीति

मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में हम पंचायती राज को मजबूत करेंगेः महाराज

We will strengthen Panchayati Raj under the leadership of Chief Minister Dhami: Maharaj

रिपोर्ट भगवान सिंह : मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में हम पंचायती राज को मजबूत करेंगेः महाराज

संसाधनों के लिए 5494.40 लाख की धनराशि के प्रस्तावों की स्वीकृत का किया अनुरोध

नई दिल्ली। आजादी के अमृत महोत्सव के शुभ अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सोमवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में विशिष्ट सप्ताह के अंतर्गत “सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर हितधारकों के राष्ट्रीय सम्मेलन” में प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड हम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करेंगे। सतत विकास के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु हमने अनेक ग्राम पंचायतों को इंटरनेट नेटवर्क जोड़ने का प्रयास किया है।

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आजादी के अमृत महोत्सव के शुभ अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सोमवार को विशिष्ट सप्ताह के अंतर्गत “सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर हितधारकों के राष्ट्रीय सम्मेलन” में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने अपने संबोधन में देश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह और राज्यमंत्री कपिल मोटेश्वर पाटिल को आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि महामहिम उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू जी यह कहना सही है “जब ग्राम राज्य होगा तभी रामराज्य होगा” यह वास्तविकता है कि हम बिना गांव को मजबूत की भारत को मजबूत नहीं कर सकते।

श्री महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में भी पंचायतों को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लगाता कार्य कर रहे हैं। राज्य की कुल 7791 ग्राम पंचायतों में से 5861 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन कार्य कर रहे हैं जबकि 846 ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण हेतु हमें 16920 लाख रुपए आवश्यकता है।

प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि गरीबी एवं सुदृढ़ आजीविका युक्त गांव, स्वस्थ गांव, बाल हितेषी, गांव, जल पर्याप्त गांव, स्वच्छ एवं हरित गांव, आधारभूत संरचनाओं में आत्मनिर्भर गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, सुशासन एवं उन्नत गांव जैसे तमाम विषयों पर चर्चा. इस सम्मेलन में होने वाली चर्चा निश्चित रूप से ग्रामीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

श्री महाराज ने कहा कि देश का प्रत्येक गांव पूर्ण रूप से स्वावलंबी, आत्मनिर्भर और प्रजातांत्रिक रूप से सशक्त बने यही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की परिकल्पना थी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पंचायत निर्वाचन में उम्मीदवारी के लिए हमारी सरकार ने शैक्षिक योग्यता आठवीं और दसवीं पास अनिवार्य करने के साथ-साथ दो जीवित बच्चों से अधिक होने तथा घर पर शौचालय ना होने की स्थिति में चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य की 5486 कंप्यूटर विहीन ग्राम पंचायत में कंप्यूटरीकरण की आवश्यकता है। भारत नेट कार्यक्रम के प्रथम चरण में राज्य की 1516 ग्राम पंचायतों को नेशनल ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से इंटरनेट से जोड़ा जोड़ा जा चुका है। 5486 कंप्यूटरों हेतु हमें 2194.40 लाख की धनराशि की आवश्यकता है। इसी प्रकार 670 न्याय पंचायतों में एक-एक डाटा एंट्री ऑपरेटर की तैनाती के लिए 1608 लाख के आवंटन का भी प्रस्ताव दिया गया है। श्री महाराज ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने एक पत्र भी केंद्रीय ग्राम विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह को सौंपा है।

सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर हित धारकों के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए पंचायती मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पंचायत राज विभाग द्वारा जनपद हरिद्वार में भगवानपुर ब्लॉक के मुजाहिदपुर, सतीवाला, खालसा गांव में कॉमन वेस्ट प्लास्टिक रीसाइकलिंग प्लांट का निर्माण किया गया है। इस संयंत्र के संचालित होने से प्रतिदिन 3 टन कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। इतना ही नहीं इस से 80 क्यूबिक फुट प्लास्टवुड (दरवाजे की चौखट, फर्नीचर बैंच) तैयार किया जाएगा।

इस अवसर पर गिमिनाज सिंह, मंत्री ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, एमओएस कपिल मोरेश्वर पाटिल पंचायती राज, भूपेंद्र सिंह चौधरी, पंचायती राज मंत्री, उत्तर प्रदेश, देवेन्द्र सिंह, पंचायती राज मंत्री हरियाणा, के एस ईशवायप्पा मंत्री पंचपति राज, कर्नाटक, के एस पेनियाका रूपन पंचायत राज मंत्री तमिलनाडु सहित बिहार, गुजरात, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, आसाम, मध्य प्रदेश आदि अनेक राज्यों के पंचायती राज मंत्री उपस्थित थे।

मीडिया सलाहकार, श्री सतपाल महाराज जी, माननीय मंत्री, लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, संस्कृति, धर्मस्व, ग्रामीण निर्माण, जलागम प्रबंधन एवं भारत नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाऐं।

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