उत्तराखंड

उत्तराखंड: यहां 4,500 घरों पर चलेगा JCB का पीला पंजा! बुलाई गई फोर्स

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने लिए जिला और रेलवे प्रशासन संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। इस कार्रवाई का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटवाने के लिए नागालैंड और असम से अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की है। नागालैंड और असम से अतिरिक्त पुलिस बल आने पर ही अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर करीब 4,500 घर अवैध रूप से बने हुए हैं।

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हाल ही में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन से जल्द रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद नैनीताल जिला प्रशासन हरकत में आया और हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर हुई अवैध कब्जे को हटाने के लिए प्लानिंग शुरू की। इसी को लेकर बीते दिनों रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की जिला प्रशासन के साथ बैठक हुई थी, जिसमें रेलवे की भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए प्लान तैयार किया गया।

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जिला प्रशासन से मिली जानकारी मुताबिक हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर करीब 4,500 घर अवैध रूप से कब्जा कर बनाए गए हैं, जिन पर बुलडोजर चलाने की तैयारी की जा रही है। इनमें कुछ झोपड़ियां हैं तो कुछ पक्के मकान हैं। वहीं कुछ लोग दुकानें बनाकर अपना कारोबार भी चला रहे हैं। इसी कारण से प्रशासन और पुलिस बहुत कड़ी सुरक्षा के बीच अतिक्रमण हटाने जा रही है। क्योंकि जिस दिन अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई होगी, उस दौरान बवाल होने की पूरी-पूरी आशंका है। इसीलिए असम और नागालैंड से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाया गया है।

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नैनीताल जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि रेलवे की जिस जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराना है, वो क्षेत्र बहुत बड़ा है। वहां पर करीब 4,500 परिवार रहते हैं। ऐसे में इतने बड़े इलाके से कब्जा हटाना आसान नहीं है। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के मुताबिक ये एक दिन का काम नहीं है। अतिक्रमणकारियों को रेलवे की जमीन से हटाने के लिए करीब एक महीने का समय लग सकता है। इसके साथ ही इलाके का माहौल न खराब हो, उसका भी इंतजाम किया गया है।

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अतिक्रमण की रेलवे पटरी से न्यूनतम दूरी 515 फीट तो अधिकमत 820 फीट की है। रेलवे की भूमि पर प्रतिष्ठान बनाकर सैकड़ों लोग रोजगार भी कर रहे हैं। इसके साथ ही कई मस्जिद, मंदिर और स्कूल भी रेलवे की भूमि के दायरे में हैं।

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