
नई दिल्ली: युद्ध के बीच यूक्रेन से निकलने में भारतीय छात्रों को भीषण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को रोमानिया बॉर्डर पार करने के लिए भारतीय छात्रों के साथ नाइजीरिया और साउथ अफ्रीका के छात्रों ने हाथापाई कर आंखों में मिर्च स्प्रे कर दिया। छात्राओं की सुरक्षा के लिए घेरा बनाकर खड़े भारतीय छात्रों के साथ मारपीट की बात भी सामने आई है।
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हालत बिगड़ने पर सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस से हमलावरों को तितरबितर कर स्थिति संभाली। इस दौरान बॉर्डर पर छात्रों में भगदड़ मच गई। अफरातफरी में ऋषिकेश की एक छात्रा का मोबाइल भी खो गया। हालांकि, आठ घंटे बाद शाम करीब तीन बजे छात्राओं को रोमानिया में एंट्री मिल गई जबकि छात्र अभी इंतजार कर रहे हैं।
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यूक्रेन की सीमा के पास छात्रों के साथ पिटाई का आरोप यूक्रेन के सुरक्षा बलों पर लगा है। रोमानिया की सीमा तक किसी तरह बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे हैं। लेकिन इन्हें अभी भी रोमानिया की सीमा में दाखिला नहीं मिला है। यूक्रेन की सीमा के पास कुछ भारतीय छात्रों के साथ यूक्रेन के सुरक्षाबलों ने मारपीट की है। पुलिस द्वारा डंडों से पिटाई करने का वीडियो सामने आया है। कुछ जगहों पर छात्रों का कहना है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। सूत्र
शेहयानी बॉर्डर से एक छात्रा ने न्यूज़ एजेंसी को ऑडियो क्लिप के जरिए बताया कि ”वहां केवल यूक्रेनियनस को अंदर भेज रहे थे। काफी कोशिश के बाद सिर्फ इंडियन लड़कियों को अंदर जाने दिया गया। उसके बाद वहां पुलिस आई और उसने भारतीय लड़कों को बहुत मारा। मारने के बाद उन्होंने लड़कों को टॉर्चर किया। जिसको अस्थमा था, उसको स्टम करके दिखाया कि how he is breathless। अंदर हमें हंटर नाम का एक गेम खेलने को कहा गया, जिसके बारे में हमें नहीं पता था। वो गन और डंडे के साथ खड़े थे।
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उन्होंने कहा कि आपको ये गेम खेलना है, उससे विज़ा मिलेगा और जो लोग वहां थे उनको लात से मारा है, हाथ से मारा है। लड़का लड़की कुछ नहीं देख रहे हैं। इससे पहले यूक्रेन से लौटी तमिलनाडु की एक छात्रा ने रविवार को बताया कि भारतीय छात्रों को रोमानिया की सीमा पर पहुंचने के लिए पांच से आठ किलोमीटर तक का सफर पैदल तय करना पड़ा। यहां पहुंचे छात्रों ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने उन्हें रोमानिया से वापस लाने के लिए तेजी से काम किया।
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पश्चिमी यूक्रेन के एक संस्थान की छात्रा सेल्वप्रिया ने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र में स्थिति कम तनावपूर्ण है और हालात बिगड़ने से पहले भारतीय दूतावास ने छात्रों को तत्काल रोमानिया पहुंचा दिया। छात्रा ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें जल्दी निकाल लिया गया, इसलिए हम (युद्ध के) प्रभाव से बच गए लेकिन यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में बड़ी संख्या में छात्र फंसे हैं।
भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के गढ़वाल मंडल प्रभारी प्रदीप त्यागी की भांजी ऋषिकेश निवासी तमन्ना त्यागी भी यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। शनिवार तड़के चार बजे तमन्ना ने फोन पर परिजनों को बताया कि भारतीय छात्रों को इवानो शहर से रोमानिया के बॉर्डर पर लाया जा रहा है।
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यहां पहले छात्राओं को रोमानिया में एंट्री कराने के लिए लाइन लगवाई जा रही थी, लेकिन नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका के छात्रों ने भारतीय छात्रों को रोमानिया में प्रवेश करने से रोक दिया। उनका कहना था कि पहले नाइजीरिया और अफ्रीका के लोगों को एंट्री मिलेगी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने अनुमति का हवाला देते हुए भारतीय छात्रों की बात कही।
इस पर दूसरे देश के छात्र आक्रोशित होने लगे। तब भारतीय छात्रों ने छात्राओं की सुरक्षा के लिए घेरा बना लिया। इसके बाद नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका के छात्रों ने उनके साथ हाथापाई कर दी और छात्राओं की आंखों में मिर्च पाउडर स्प्रे का छिड़काव कर दिया। तमन्ना का कहना है कि इससे बॉर्डर पर भगदड़ मच गई और उनकी एक दोस्त का पैर टूट गया है जबकि उनका मोबाइल भी कहीं गिरकर खो गया।
कई घंटे बाद तमन्ना ने अपनी दोस्त के मोबाइल से इसकी जानकारी दी। वहीं, शाम तीन बजे तमन्ना ने बताया कि छात्राओं की रोमानिया में सुरक्षित एंट्री हो गई है जबकि छात्रों को अभी तक यूक्रेन बॉर्डर पर ही रोका गया है। वहीं, भाजपा गढ़वाल मंडल प्रभारी प्रदीप त्यागी ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट को फोन पर उक्त घटना की जानकारी दी। साथ ही सभी छात्रों की सुरक्षित भारत लाने की मांग की है।