ब्रेकिंग: कांग्रेस की सियासत में तीन रावत! एक सस्पेंस खत्म! दूसरा..

कांग्रेस ने हरीश रावत के रामनगर सीट से लड़ने का ऐलान किया तो एक सस्पेंस खत्म हुआ, लेकिन दूसरा पैदा हो गया। कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत का दावा है कि इस सीट से टिकट के लिए पार्टी ने उन्हें आश्वस्त किया था, लेकिन ऐन समय पर फैसला बदल गया। अब वह एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में दिख रहे हैं। सूत्र
वहीं रामनगर में 61 विधानसभा क्षेत्र रामनगर से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत का टिकट घोषित होने के पश्चात स्थानीय कांग्रेस में विरोध के स्वर पनपने लगे हैं, आज ग्राम मोतीपुर स्थित कांग्रेस कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत रंजीत रावत के घर पर समर्थकों का हुजूम लग गया उन्होंने एक स्वर में रणजीत रावत से स्वतंत्र रूप एवं निर्दलीय चुनाव लड़ने का आग्रह किया है उन्होंने कहा है कि बाहरी प्रत्याशी का पुरजोर विरोध किया जाएगा ।
कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा रामनगर से हरीश रावत को प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी कार्यकर्ता आहत हैं इसी के क्रम में आज भारी संख्या में लोग कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रंजीत रावत के आवास पर पहुंचे उन्होंने पार्टी आलाकमान सीधी पुरजोर वकालत की है कि वह अपने निर्णय को वापस लेते हुए रणजीत रावत को रामनगर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी घोषित करें अन्यथा वह स्वयं रंजीत रावत को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतार देंगे।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष मोहम्मद अकरम कांग्रेस प्रदेश महासचिव किशोरी लाल कांग्रेस नगर अध्यक्ष दिनेश हरबोला ब्लॉक अध्यक्ष ओम प्रकाश मालधन चोड, ब्लॉक अध्यक्ष ग्रामीण देशबंधु सिंह रावत ,महिला मोर्चा प्रदेश सचिव हरिप्रिया सती ,नगर पालिका सभासद विमला आर्य ,ओम प्रकाश आर्यवंशी, नरेश कालिया ,अनिल अग्रवाल खुलासा ,अतुल अग्रवाल, प्रेम जैन, दीवान कटारिया ,सहित भारी संख्या में कांग्रेस जन एवं आम नागरिक उपस्थित थे।
वहीं, भाजपा से निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत को कांग्रेस किस सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारी में है, यह अभी तय होना शेष है जबकि हरक सिंह भी बड़े बोल से चूक नहीं रहे। इसके साथ ही आपको बताते हैं कि पूर्व सीएम हरीश रावत जहां से हारे थे, उस पुरानी सीट पर कहां पेंच फंसा हुआ है।
पहला मामला तो रणजीत रावत का ही है, जिन्हें कांग्रेस पार्टी ने टिकट जारी करते समय रूठों को मनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी। अब उनका कहना है, ‘मुझे ही पार्टी ने रूठों की श्रेणी में रख दिया है।’ हरदा को रामनगर से टिकट दिए जाने पर वह बोले, ‘कांग्रेस ने मुझे आश्वासन दिया था और मैं पिछले पांच सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहा था। अब मैं अपने साथियों के साथ विचार विमर्श कर रहा हूं और जल्द ही अपने अगले कदम के बारे में खुलासा करूंगा। इस बयान के संदर्भ में चर्चा यह चल रही है कि रणजीत रावत निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि कांग्रेस उन्हें सल्ट से टिकट देकर मना सकती है। आज मंगलवार को इस बारे में बड़ी खबर आ सकती है।
अब मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता’, पहले यह बयान दे चुके हरक सिंह रावत पिछले हफ्ते कांग्रेस में शामिल हुए। अब उनका कहना है कि पार्टी उन्हें जिस सीट से चुनाव लड़वाएगी, वह तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘चौबट्टाखाल से लड़ना हो या त्रिवेंद्र सिंह रावत की सीट से, मैं पार्टी का आदेश मानूंगा। पार्टी चुनाव नहीं भी लड़ाएगी तो मैं पूरे प्रदेश में पार्टी के लिए काम करूंगा।’ लेकिन, इसी बीच हरक सिंह ने एक बात और कही, ‘मैं बड़ी बात नहीं कर रहा हूं, लेकिन ईश्वर की मुझ पर कृपा है कि मेरे एक अनुरोध पर प्रदेश की कई सीटों पर 1000 से 25,000 वोट तक इधर उधर हो सकते हैं।
वहीं लैसडाउन से उठे विरोध के बाद अब काग्रेस पार्टी कार्यकर्ता रघुबीर बिष्ट जी के क्षेत्रवासियों ने हरक सिंह की बहु अनुकृति रावत के टिकट मिलने से ना खुश है। उन्होंने कहा की लम्बे समय से काग्रेस के लिये कार्य करनेवाले एक ईमानदार कार्यकर्ता रघुबीर बिष्ट जी टिकट कट गया। जिन्हें आज लैसडाउन की सीमांत जनता ओर गांव गांव के दिलो मे बसनेवाले जननेता रघुबीर बिष्ट का टिकट कटा है। जो पूर्व मे टी पी एस रावत(सांसद) जी osd भी रहे थे।
टीपीएस रावत जी (पूर्व सासंद)समय से लैसडाउन के चपे चपे की जानकारी रखते है। उनके समर्थकों ने काग्रेस भवन स्थित राजीव गांधी जी मुर्ती के नीचे बैठ कर अपना पक्ष रखा। ओर लैसडाउन मे टिकट बदलाव की बात कही है। जनसमर्थन मे रुपेंद्र, कृष्णा बगोट, गणेश धामी,प्रकाश गौड़, ईश्वर सिंह बिष्ट आकाश,आनंद रावत ,विनोद, मानवेद्र राणा ,हिमांशु, योगेश,आकांक्षा, लक्ष्मण इत्यादि शामिल थे।
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