
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनट बैठक में कई अहम फैसलों को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि आज कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का जो कार्यकाल है, उसको 1 अप्रैल 2022 से अगले 3 साल के लिए बढ़ाने का निर्णय कर दिया गया है। अब इसका कार्यकाल 31 मार्च 2025 तक होगा।
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कैबिनेट ने रिन्युअल एनर्जी सेक्टर के विकास के लिए इरेडा (IREDA) में 1500 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्दिष्ट ऋण खातों में उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के अनुग्रह भुगतान की योजना को भी मंजूरी दी है।
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कैबिनेट के फैसले- इसका 8,800 करोड़ रुपये का पोर्टफोलियो 6 वर्षों में बढ़कर 28,000 करोड़ रुपये हो गया है. रिन्युअल एनर्जी सेक्टर की लेंडिंग बढ़ाने के लिए सरकार ने इसे पूंजी देने की मंजूरी दी है. यह 12,000 करोड़ रुपये तक कर्ज दे सकेगा. जिससे 3500 मेगावॉट क्षमता बढ़ाने के लिए फाइनेंसिंग उपलब्ध होगी.
क्या होगा फायदा: कैपिटल इन्फ्यूजन से इस सेक्टर में सालाना 10,200 नौकरियों को मौके बनेंगे और प्रति वर्ष लगभग 7.49 मिलियन टन CO2 समकक्ष उत्सर्जन में कमी आएगी.
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कैबिनेट ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के कार्यकाल को 31.3.2022 से आगे तीन साल के लिए बढ़ाने की मंजूरी दी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए आयोग अब 31 मार्च 2025 तक काम करेगा. राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की मियाद इस साल 31 मार्च में खत्म हो रही है.
कैबिनेट ने स्पेसिफाइड लोन खातों में उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के अनुग्रह भुगतान की योजना को मंजूरी दी. सरकार ने ब्याज पर ब्याज के भुगतान के एवज में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को 1,000 करोड़ रुपये देने की मंजूरी प्रदान की गई है.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, कोरोना महामारी के समय बिजनेस और इंडिविजुअल उधारकर्ताओं, दोनों पर लोन का बोझ बढ़ गया था. इसे देखते हुए सरकार ने छोटे बॉरोअर्स को 6 महीने के लिए लोन की अदायगी पर मोरेटोरियम की राहत दी गई थी. बाद में मोरेटोरियम की अवधि में कम्पाउंड इंट्रेस्ट का बोझ ना पड़े, इसके लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर की बराबर का राहत राशि उपलब्ध करवाने का फैसला हुआ था.
इसलिए लोन देने वाली संस्थाओं को भुगतान के लिए वर्ष 2020-21 के बजट में 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. इस योजना के अंतर्गत ऐसे एमएसएमई लोन, एजुकेशन लोन, हाउसिंग लोन, कंज्यूमर डुरेबल्स लोन, क्रेडिट कार्ड ड्यू, ऑटो लोन, पर्सनल लोन, प्रोफेशनल और कंजम्पशन लोन को कवर किया गया था, जोकि एनपीएस नहीं थे. और जिनकी बकाया राशि 2 करोड़ रुपये के सीमा के अंदर थी.
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एसबीआई को इनके क्लेम्स का निपटारा करने के लिए 30 नवंबर 2021 तक का समय दिया गया था. एसबीआई के द्वारा वर्ष 2020-21 के बजट में आवंटित 5500 करोड़ रुपये में से 4426 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया था. एसबीआई के पास इसके अतिरिक्त 1846 करोड़ रुपये के क्लेम प्राप्त हुए है. बचे क्लेम के भुगतान के लिए 973 करोड़ 74 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है.