
हल्द्वानी : भाजपा से निष्कासित किए गए पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की कांग्रेस में एंट्री से पहले ही यूथ काग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता हरीश रावत ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हरीश रावत का कहना है कि हरक सिंह रावत अपने आप में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन का मॉडल है। डॉ. हरक के कुप्रबंधन के दर्जनों मामले जनता के सामने हैं।
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हरीश रावत ने कहा कि डॉ. हरक सिंह रावत लोकतंत्र के हत्यारे हैं। उन्हें कांग्रेस पार्टी में लिया ही नहीं जाना चाहिए अगर उनकी इट्री होती है तो हजारों कार्यकर्ताओं में निराशा होगी और जनता भी येसे नेता को सामिल करने वाली पार्टी के खिलाफ वोट करने का मन बनाती है । शीर्ष नेताओ को भी इस समय सोच समझ कर फैसला लेने की जरूरत है कि किसी कर्मठ कार्यकर्ता का हक ना मरे जो 5 वर्षो से जमीन पर मेहनत कर रहा है।
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हरक सिंह रावत भाजपा में मंत्री रहते हुए उनका कार्यकाल उनके विभागों में भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण कर्मकार बोर्ड से लेकर कोटद्वार में फर्जी मेडिकल कॉलेज है। जिसके निर्माण के लिए एक संस्था को बिना अनुमति दो करोड़ रुपये जारी कर दिए गए। जो मुद्दा केदारनाथ से विधायक मनोज रावत ने विधानसभा में भी उठाया, तब वह पैसे सरकार को वापस करने पड़े।
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उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ, जब किसी डीपीआर के नाम पर दो करोड़ रुपये घूस के रूप में दिए गए।इनकी एंट्री काग्रेस को बर्बाद करना होगा। दल बदल हरक सिंह की असली पहचान है येसे ही दलबदलू नेताओं ने राज्य आंदोलनकारी शहीदों के सपने तोड़े हैं।
ऐसे नेताओं के असली चेहरे को प्रदेश की जनता भलीभांति पहचान चुकी है।इनके लिए दल बदल करना व्यवसाय है जो ठीक चुनाव के समय में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करते है यह उत्तराखंड के बर्बादी के असली जिम्मेदार हैं। इनको प्रदेश के विकास की कोई चिंता नहीं है। उन्हें सिर्फ अपने परिवार और अपनी कुर्सी की चिंता है।
21 सालों में उत्तराखण्डवासियों ने क्या खोया क्या पाया? नेताओ की मौज
राज्य गठन के लिए जिन लोगों ने कुर्बानी दी है। आज 21 साल बाद भी उनके सपने पूरे नहीं हुए हैं। उत्तराखंड में जनहित के मुद्दों को लेकर राजनीति नहीं हो रही है। अपना हित सर्वोपरि है। प्रदेश की जनता ऐसे नेताओं के असली चेहरे को पहचान चुकी है और इसका जवाब देगी।