बड़ी खबर: CM धामी के PRO N, S बिष्ट को मिली तैनाती

देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश से बड़ी ख़बर सामने आ रही है, अवैध खनन सामग्री से लदे वाहनों का चालान निरस्त करने के बाबत एसएसपी को पत्र लिखने वाले मुख्यमंत्री कार्यालय के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) नन्दन सिंह बिष्ट को फिर से बहाल कर दिया गया है। उत्तराखंड में धामी सरकार को अवैध खनन के मामले पर विपक्ष के निशाने पर लाने वाले नंदन सिंह बिष्ट को एक बार फिर सरकार ने पीआरओ के पद पर तैनाती दे दी गई है.
चुनाव की घोषणा और आचार संहिता से ठीक 2 दिन पहले हुए नियुक्ति के आदेश के सामने आने के बाद अब सरकार पर ही सवाल उठने लगे हैं. क्या अवैध खनन में लिप्त ट्रक को छुड़वाने से जुड़ा पत्र क्या अनुमति लेने के बाद ही लिखा गया था.
आचार संहिता लगने से पहले 6 जनवरी को इस आशय के आदेश जारी किए गए। प्रभारी सचिव विनोद सुमन ने यह आदेश किए। गौरतलब है कि खनन चालान निरस्त करने सम्बन्धी पत्र लिखने का मामला विधानसभा से लेकर सत्ता के गलियारों में काफी सुर्खियों में रहा। इस मामले में काफी फजीहत होने के बाद 11 दिसंबर को पीआरओ नन्दन सिंह बिष्ट को हटाने के आदेश करने पड़े।
Breaking: पुलिस महानिदेशक ने दे डाला इस्तीफा! जानें वजह
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में अवैध खनन में लिप्त ट्रक को छुड़वाने का पत्र वायरल होने के बाद जमकर हंगामा हुआ था, और इस मामले पर धामी सरकार को अवैध खनन कराने के आरोपों से भी दो-चार होना पड़ा था. यही कारण है कि पत्र के वायरल होने के बाद फौरन नंदन सिंह बिष्ट जो मुख्यमंत्री के पीआरओ थे, उन्हें इस पद से हटा दिया गया था.
ब्रेकिंग: ग्रेड पे मामले में सोशल मीडिया पर दिखा पुलिसकर्मीयों का आक्रोश
साथ ही उस समय कहा गया कि नंदन सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री से अनुमति लिए बिना इस पत्र को लिखा है और इसी आधार पर नंदन सिंह बिष्ट को हटाने के आदेश दिए गए थे लेकिन आचार संहिता से ठीक 2 दिन पहले जिस तरह नंदन सिंह बिष्ट को दोबारा मुख्यमंत्री का पीआरओ तैनात किया गया है, उससे अब फिर यह सवाल खड़े होने लगे हैं.
ब्रेकिंग: उत्तराखंड में कई खंड शिक्षा अधिकारियों के ट्रांसफर! लिस्ट जारी
ऐसे में क्या सरकार की मंजूरी के बाद ही अवैध खनन के ट्रक छुड़वाने के लिए इस पत्र को लिखा गया था. जाहिर है कि नंदन सिंह बिष्ट की फिर से तैनाती अब विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गई है और राज्य में चुनाव से पहले अवैध खनन एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.
खास बात यह है कि प्रदेश में अवैध खनन को लेकर विपक्ष समय-समय पर सरकार पर हमले करते रहा है और अब जिस तरह से नंदन सिंह बिष्ट की नियुक्ति के आदेश का पत्र वायरल हुआ है, उसके बाद फिर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ सकती है.