
देहरादून/उत्तराखण्डः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कुछ ही वक्त शेष रह गया है। वहीं सोमवार को कोरोना के दो हफ्ते में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा मानने वालों की संख्या में एक फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई हैं। वही विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अगले कुछ दिनों में तीसरी लहर बड़े पैमाने पर आ सकती है। वही जिसमें ओमिक्रान वेरिएंट के पांव पसारने के बाद तमाम एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
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वही, 2022 में पांच राज्यों में चुनावी घोषणा को लेकर चुनाव आयोग दौरा कर जल्द ही अधिसूचना जारी की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक उम्मीद की जा रही है कि 10 से 15 जनवरी के बीच आयोग की ओर से चुनाव तारीखों का ऐलान होगा। इसी दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी विधानसभा चुनाव 2022 होने हैं।
देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में अब विधानसभा चुनाव के लिए दो महीने से भी कम का वक्त बचा हैं।तमाम राजनीतिक पार्टियां जोर शोर से चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं। वही इस दौरान राज्य में अपराध, भ्रष्टाचार और विकास को लेकर विपक्ष सत्ता पक्ष पर हमलावर हैं।
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वही बात करे उत्तर प्रदेश जो देश सबसे बड़ी जनसंख्या वाला राज्य जिसमें चुनाव तारीखों के ऐलान में एक सप्ताह की देरी संभव है। उम्मीद की जा रही है कि 10 से 15 जनवरी के बीच आयोग की ओर से चुनाव तारीखों का ऐलान होगा। आपको बता दे कि वर्ष 2017 में 04 जनवरी को चुनाव तारीखों का ऐलान किया गया था।
आयोग ने वर्ष 2017 में 11 फरवरी से लेकर 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की थी। माना जा रहा है कि इस बार चरणों की संख्या में कुछ कमी हो सकती है। इसका कारण कोरोना के खतरे को देखते हुए तेजी से चुनावी प्रक्रिया को पूरा कराना माना जा रहा है। ऐसी संभावना की जा रही है।
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सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि इन राज्यों का दौरा कर जल्द ही अधिसूचना जारी की जा सकती है। अधिकारियों के अनुसार चुनाव टालने से कई तरह के निर्णय लेने पड़ सकते हैं। मसलन जिन राज्यों में विधानसभा का टर्म पूरा हो रहा है वहां राष्ट्रपति शासन लगाए जाएंगे। साथ ही सारी तैयारी नए सिरे से करनी पड़ सकती।
ऐसे में आयोग के सूत्रों के अनुसार चुनाव टालने का विकल्प तो रहता है लेकिन अभी ऐसा नहीं है कि ये कदम उठाया जाए। लेकिन पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के अनुभव को देखते हुए इस बार चुनाव प्रचार और बाकी चीजों में सख्त एहतियाती कदम उठाए जा सकते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसी संभावना की जा रही है। जिसमें आयोग का दावा है कि भले चुनाव के डेट न टलें लेकिन इस बार स्पष्ट रूप से न सिर्फ पुराने गाइडलांइस पालन कराए जाएंगे बल्कि कुछ नए एहतियाती उपाय भी जोड़े जाएंगे।
कोविड काल में चुनाव आयोग ने भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए वोटिंग सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक कराई थी। वोटिंग एक घंटे के लिए बढ़ाई गई और तय किया गया कि एक बूथ पर अधिकतम एक हजार वोटर ही वोट डालेंगे। नॉमिनेशन ऑनलाइन भी हो सकेगा, उम्मीदवार के साथ अधिक से अधिक 2 लोग और 2 वाहन जा सकेंगे, ऐसी संभावना है।