देहरादून: साल 2021 की विदाई के साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार पर तीखे हमले किए हैं. हरीश रावत ने कानून व्यवस्था, बेरोजगारी और जन विरोधी नीतियों को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए. उधर, कांग्रेस ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के आगामी रणनीति को भी साझा किया और प्रत्याशियों के बारे में भी जानकारी दी.
इस दौरान बड़ी बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 45 दावेदारों पर अंतिम रूप से सर्वसम्मति की बात कहते हुए खुद का नाम इस सूची में नहीं होने की जानकारी दी. उत्तराखंड में भाजपा सरकार पर कांग्रेस ने इस साल के अंतिम दिन कई गंभीर आरोप लगाए. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सामूहिक रूप से राज्य में बेरोजगारी पर सरकार द्वारा कोई काम नहीं करने और अवैध खनन को प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया है.
यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और सरकार के एक विधायक ने तो कानूनों की धज्जियां उड़ा दी है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर खुद सरकार के विधायकों ने भी सवाल उठाए हैं. साथ ही हरदा ने कहा कि विकास कार्यों पर सवाल उठाने वाले लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है. कांग्रेस नए साल को नए संघर्ष के रूप में देख रही है. ऐसे में कांग्रेस के नेता एक जनवरी को संघर्ष संकल्प के रूप में लेते हुए महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने बैठेंगे और बेहतर जिंदगी, बेहतर अवसर और बेहतर उत्तराखंड के लिए संघर्ष करेंगे.
यही नहीं हरीश रावत ने कहा कि आगामी चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया काफी आगे बढ़ चुकी है, करीब 45 दावेदारों के नामों पर सर्वसम्मति बन गयी है. ऐसे में वो सभी से सहयोग चाहते हैं कि बेहतर उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा जा सके. उन्होंने कहा कि इन 45 दावेदारों के नामों मेरा नाम शामिल नहीं है. साथ ही हरीश रावत ने कहा कि अभी फिलहाल वाद-विवाद देखा जा रहा है, जिसके बाद उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी जाएगी.