उत्तराखंड

मसूरी: 27 से 29 तक होने जा रहा खास! दुनिया की सबसे बड़ी रेखा

मसूरीः पहाड़ों की रानी मसूरी में एक बार फिर मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल आयोजित होने जा रहा है. मसूरी में तीन दिवसीय विंटर लाइन कार्निवाल का आयोजन होगा. जिसका शुभारंभ 27 दिसंबर को किया जाएगा. मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल में एक दिवसीय फूड फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाएगा.

सोमवार को मसूरी एसडीएम मनीष कुमार की अध्यक्षता में संबंधित अधिकारियों और मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल आयोजन समिति के पदाधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में कार्निवाल की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई.

कोरोना काल के बाद मसूरी वासियों और मसूरी होटल एसोसिएशन द्वारा कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल का आयोजन कराए जाने का आग्रह किया गया था, जिसके बाद प्रशासन द्वारा तीन दिवसीय विंटर लाइन कार्निवाल का आयोजन कराया जा रहा है. इसको लेकर अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी है.

मसूरी एसडीएम मनीष कुमार ने बताया कि 27 दिसंबर को कार्निवाल का विधिवत शुभारंभ और 29 दिसंबर को समापन किया जाएगा. कार्निवाल सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक माल रोड पर विभिन्न मंचों पर आयोजित किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि स्थानीय कलाकार, प्रदेश की संस्कृति और कला से रूबरू के साथ विभिन्न प्रकार के खेल भी आयोजित कराए जाएंगे. कार्निवाल में एक दिवसीय फूड फेस्टिवल का भी आयोजन कराया जाएगा, जिसमें मसूरी और आसपास के क्षेत्र के होटल प्रतिभाग करेंगे.

एसडीएम ने बताया कि फूड फेस्टिवल के दौरान विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता भी आयोजित कराई जाएगी और विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल की तर्ज पर सुनहरे और लाल रंग से लाइटों से सजाया जाएगा.

मसूरी एसडीएम मनीष कुमार ने बताया कि मसूरी में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के साथ देश-विदेश से मसूरी आने वाले पर्यटकों को प्रदेश की संस्कृति और खानपान से रूबरू कराने के लिए मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल का आयोजन कराया जाता है.

आमतौर पर मसूरी में अक्टूबर से लेकर फरवरी के बीच सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में आसमान में एक अनोखा नजारा दिखाई होता है. आसमान में एक रंग उभरता है, मानो कुदरत अपना जादू बिखेर रही हो. लाल, नारंगी इस रंगीन रेखा को जो भी देखता है, बस देखता ही रह जाता है. इसे ही विंटर लाइन कहते हैं.

प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक गणेश सैली का कहना है कि यह एक अद्भुत घटना है, जो दुनिया में कुछ जगहों पर ही दिखाई देती है. इसमें मसूरी, दक्षिण अफ्रीका का केपटाउन और स्विटजरलैंड शामिल हैं. ये दुनिया की सबसे बड़ी रेखा है, जो इतने बड़े आसमान में दिखाई देती है.

विंटर लाइन के बारे में बताया जाता है कि यह रेखा धूल के कणों से बनती है, जो शाम के समय धूल के अधिक ऊपर उठने के कारण इस पर पड़ने वाली सूरज की किरणों से चमक उठती है. धूल के कण जितने अधिक होते हैं, विंटर लाइन उतनी ही अधिक गहरी बनती है. यह रेखा अक्टूबर माह से फरवरी तक मसूरी से दून घाटी के ऊपर दिखाई देती है.

स्विट्जरलैंड और मसूरी की विंटर लाइन दुनिया में मशहूर है. देहरादून जिला प्रशासन द्वारा मसूरी विंटर लाइन फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है. इस दौरान मसूरी को विंटर लाइन की तर्ज पर ही सजाया जाता है.

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