
मसूरी से वरिष्ठ संवाददाता सतीश कुमार की रिपोर्ट : शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों द्वारा एक होटल के सभागार में पत्रकार वार्ता आयोजित की गई जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि मसूरी विधायक द्वारा शिफन कोर्ट के लोगों को गुमराह किया गया है और यह केवल चुनावी शगुफा है बताया गया कि डेढ़ वर्ष पूर्ण होने के बावजूद भी शिवम कोर्ट के निवासी आज भी बेघर हैं, जबकि 15 दिन के भीतर उन्हें आवास मुहैया कराने की बात कही गई थी।
शिफन कोर्ट संघर्ष समिति के संयोजक प्रदीप भंडारी ने बताया कि 500 लोगों को बेघर कर दिया गया जबकि आज तक उन्हें आवास मुहैयानहीं कराया गया है। उन्होंने मसूरी विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा गरीब एवं दलित लोगों के साथ छलावा किया गया है।
मसूरी विधायक मात्र राजनीति कर रहे हैं उन्होंने मसूरी पालिका अध्यक्ष पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास नहीं किया गया है और यदि पास किया गया है तो उसकी कॉपी उन्हें मुहैया कराई जाए जिसको देने में टाल मटोल किया जा रहा है जिससे साफ जाहिर होता है कि पालिका अध्यक्ष भी मात्र राजनीति से प्रेरित होकर बयान बाजी कर रहे हैं।
प्रदीप भंडारी ने बताया कि मसूरी विधायक के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया है जिसमें भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मांग की गई है कि मसूरी विधायक को भाजपा का टिकट ना दिया जाए अन्यथा भाजपा को उत्तराखंड की कई सीटों पर इसका खामियाजा भुगतना होगा।