
देहरादून: अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस जहां सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमले कर माहौल बनाने की कोशिश में जुटी हुई है, वहीं बीजेपी अपने विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जा रही है व एक और मौका देने की अपील कर रही है. वहीं, इस पर राज्य में आम आदमी पार्टी की एंट्री भी हुई है, जो पहली बार राज्य में अपनी किस्मत आजमा रही है.
दरअसल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उत्तराखंड चुनाव के मद्देनजर राज्य में कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभालने वाले हरीश रावत ने बेरोजगारी के मुद्दे पर बीजेपी को जमकर कोसा और इस मुद्दे पर सीएम व उनके मंत्री से खुली बहस की चुनौती दी. उन्होंने कहा कि इसके लिए वे किसी पार्क में आएं और बहस करें.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने एक खनन नीति बनाई थी और अगर कांग्रेस 2022 में सत्ता में आई तो उसे लागू किया जाएगा. उन्होंने राज्य में हो रहे अनियंत्रित अवैध खनन की जांच कराने का भी वादा किया. रावत ने राज्य सरकार से विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर एक श्वेत पत्र जारी करने को भी कहा.
कांग्रेस की प्रदेश चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने राज्य की बीजेपी सरकार को अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार बताया और उसे बेरोजगारी के मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दी. कांग्रेस महासचिव रावत ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वर्तमान में राज्य में नौ लाख बेरोजगार युवा हैं, जबकि राज्य सरकार बेरोजगारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में कई प्रकार के दावे कर रही है.
उन्होंने कहा, “मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि उनके मुख्यमंत्री और मंत्री यहां किसी पार्क में आएं और इस मुद्दे पर मेरे साथ बहस करें. मैं इसके लिए तैयार हूं.”
पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के लिए कतई बर्दाश्त न करने की नीति का ढिंढोरा पीटने के बावजूद लोकायुक्त के मुद्दे पर कुछ न करने का भी आरोप लगाया और कहा कि सत्ता में आने पर कांग्रेस पंचायतों को भी लोकायुक्त के दायरे में लाएगी, जिससे सरकारी धन का इस्तेमाल लोगों के कल्याण के लिए हो.